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कांग्रेस नेता निरुपम ने सर्जिकल स्ट्राइक को बताया फर्जी, दिग्विजय ने भी उठाए सवाल

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संजय निरुपम ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में भारतीय सेना के सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाए हैं। मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष संजय निरुपम ने ट्वीट कर कहा, 'हर हिंदुस्तानी चाहता है कि पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक हो लेकिन वह फर्जी न हो।'

Updated on: 04 Oct 2016, 09:10 PM

नई दिल्ली:

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संजय निरुपम ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में भारतीय सेना के सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाए हैं। मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष संजय निरुपम ने ट्वीट कर कहा, 'हर हिंदुस्तानी चाहता है कि पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक हो लेकिन वह फर्जी न हो।'

पूर्व सांसद ने कहा, 'सर्जिकल स्ट्राइक का राजनीति के लिए फायदा न उठाया जाए। राष्ट्रीय मुद्दों पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।' हालांकि कांग्रेस ने निरुपम के बयान से किनारा कर लिया है। कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 'उनके बयान से पार्टी सहमत नहीं है।'

 

कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने भी कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, 'अगर यूएन कह रहा है कि वहां कोई घटना नहीं हुई है, पाकिस्तान इस बात को नकार रहा है। इससे हमारी सेना पर सवाल खड़े हो रहे हैं तो ऐसे में उन्होंने करारा जवाब मिलना चाहिए। भारत को सबूत देना चाहिए।'

दिग्विजय सिंह ने ट्वीट करके भारत की सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत पेश करने की मांग भी की है।

वहीं इससे पहले पूर्व गृहमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने सेना की कार्रवाई के बाद केंद्र के रुख पर चिंता जताते हुए कहा था कि इस हमले को भारत की पाकिस्तान के प्रति नीति में बदलाव की मिसाल के रूप में देखना जल्दबाजी होगी।

चिदंबरम ने कहा था कि भारतीय सेना पहले भी नियंत्रण रेखा पार कर के सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दे चुकी है। उन्होंने कहा था कि यूपीए-2 सरकार के समय सेना ने जनवरी 2013 में बड़ा हमला किया था।

बीजेपी कार्यकर्ताओं ने सेना के सर्जिकल स्ट्राइक के बाद कई जगहों पर पोस्टर लगाए हैं जिसकी विपक्ष आलोचना कर रहा है।

गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उपाध्यक्ष राहुल गांधी समेत कई नेता सेना के सर्जिकल स्ट्राइक की तारीफ कर चुके हैं। राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा था कि उन्होंने ढाई साल में पहली बार अच्छा काम किया है। जिसके बाद निरुपम ने सेना की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं।