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पर्रिकर ने कहा रक्षा मंत्री का पद संभालने के वक्त मैं कांप रहा था

रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने स्वीकार किया कि रक्षा मंत्री का पद संभालने के वक्त वो कांप रहे थे। उन्होंने कहा कि फिर भी वो आत्मविश्वास से भरा च्हरा दिखाने की कोशिश कर रहे थे।

Updated on: 28 Nov 2016, 11:29 AM

पणजी:

रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने स्वीकार किया कि रक्षा मंत्री का पद संभालने के वक्त वो कांप रहे थे। उन्होंने कहा कि फिर भी वो आत्मविश्वास से भरा च्हरा दिखाने की कोशिश कर रहे थे।

गोवा के सैनवोर्डेम विधानसभा क्षेत्र विजय संकल्प रैली को संबोधित करते हुए पर्रिकर ने कहा, ‘जब मैं दिल्ली गया तो मैंने शहर को महसूस किया। रक्षा मंत्री मै आप सबके आशीर्वाद से बना। मुझे कुछ भी पता नहीं था।’

पर्रिकर ने कहा, ‘मुझे स्वीकार करने दीजिए, मैं पद संभालने के पहले दिन कांप रहा था। अपने तजुर्बे पर विश्वास करते हुए मैंने साहस को बनाए रखा, असलियत ये थी कि मुझे सैन्य अधिकारियों की रैंक की जानकारी भी नहीं थी।’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में रक्षा मंत्री के तौर पर शामिल किए जाने से पहले पर्रिकर गोवा के मुख्यमंत्री थे।

पर्रिकर ने कहा, ‘‘गोवा का सेना से वास्ता 1961 में पड़ा था, जब भारतीय सेना ने इसे पुर्तगाली शासन से आज़ादी दिलाई। इसके बाद 1965 और 1971 के युद्ध गोवा ने देखे। कारगिल युद्ध के दौरान मैंने नारे भी दिए थे, लेकिन असल में मुझे पता नहीं था कि युद्ध क्या होता है और उसके लिए कैसी तैयारी करनी होती है।'

पर्रिकर ने कहा कि रक्षा मंत्री बनने के बाद उनन्हें पता चला कि ‘हथियारों के भंडार खाली हैं और सरकार ने सैनिकों के हाथ बांध रखे थे। मैंने पिछले दो साल में ज्यादा कुछ नहीं किया, थलसेना को सिर्फ इतना कहा कि यदि कोई हमला करता है तो आप जवाब देने के लिए स्वतंत्र हैं।’

पर्रिकर ने कहा, ‘आप सबने इस छूट के असर को देखा होगा। जब भी हम पर हमला होता है तो हमारे सैनिक जवाब देते हैं। चाहे वो सर्जिकल स्ट्राइक हो या सीमा पर फायरिंग, थलसेना ने मजबूती से जवाब दिया है, जिससे दुश्मन अब अमन के लिए गिड़गिड़ाने लगे हैं। पिछले चार दिनों से सीमा पर कोई फायरिंग नहीं हुई है।’