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जयललिता के निधन से लगेगा तमिलनाडु में शराबबंदी को धक्का

पिछले विधानसभा चुनाव में उन्होंने वादा किया था कि अगर अन्ना द्रमुक की जीत होती है तो वो चरणबद्ध तरीके से शराबबंदी लागू करेंगी।

Updated on: 06 Dec 2016, 09:30 AM

नई दिल्ली:

अम्मा तमिलनाडु में शराबबंदी को लेकर बेहद प्रतिबद्ध थीं। ऐसा माना जा रहा है कि उनके निधन से इस मुहीम को धक्का पहुंचेगा। पिछले विधानसभा चुनाव में उन्होंने वादा किया था कि अगर अन्ना द्रमुक की जीत होती है तो वो चरणबद्ध तरीके से शराबबंदी लागू करेंगी।

उन्होंने अपना वादा निभाया भी और सूबे में शराबबंदी की शुरुआत हो गई थी। जीत के तुरंत बाद उन्होंने राज्य सरकार द्वारा चलाई शराब की 500 दुकानें बंद करने का आदेश पारित कर दिया था।

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इसी वक़्त उन्होंने शराब के ठेके और बार के खुलने का समय भी दो घंटे कम कर दिया था। शराबबंदी के मसले पर उनके करूणानिधि से गहरे मतभेद थे। अम्मा का आरोप था कि चार दशक पहले डीएमके ने ही तमिलनाडु में शराब पर से प्रतिबंध हटा लिया था, जिसके बाद एक पूरी पीढ़ी इसकी शिकार हो गई थी।

अब पनीरसेल्वम पर ये महती जिम्मेदारी होगी कि वो अम्मा के इस अधूरे मिशन को अंजाम तक पहुंचाएं। इससे पहले बिहार में नीतीश कुमार की सरकार ने पूर्ण शराबबंदी लागू किया है, जो अब तक सफल नज़र आ रहा है।