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भारत को सिंधु जल समझौता रद्द कर देना चाहिए: तारिक फतह

तारिक फतह वैसे तो एक बड़े लेखक हैं जो कनाडा में रहकर इस्लाम से लेकर अलग-अलग मुद्दों पर कई चर्चित किताबें लिख चुके हैं लेकिन वो ज्यादा चर्चा में पाकिस्तान पर दिए अपने बयानों को लेकर रहते हैं

Updated on: 04 Oct 2016, 05:00 PM

नई दिल्ली:

तारिक फतह वैसे तो एक बड़े लेखक हैं जो कनाडा में रहकर इस्लाम से लेकर अलग-अलग मुद्दों पर कई चर्चित किताबें लिख चुके हैं लेकिन वो ज्यादा चर्चा में पाकिस्तान पर दिए अपने बयानों को लेकर रहते हैं । पाकिस्तान के कराची में जन्मे तारिक फतह खुद को भारतीय मानते हैं और कहते है कि वो भारतीय है जिसका जन्म कराची में हुआ है। वो खुद को पंजाबी कहते हैं जिसने इस्लाम में जन्म लिया है।

उनके मुताबिक वो मुस्लिम हैं लेकिन उनके पूर्वज हिन्दू थे। तारिक फतह पाकिस्तान के बड़े आलोचक हैं इसलिए वहां उनके भाषणों पर रोक लगी हुई है। 1960-70 के दशक में तारिक फतेह को पाकिस्तान में जेल जाना पड़ा था और उनपर देशद्रोह का केस भी दर्ज हुआ था। इसके बाद तारिक फतह पाकिस्तान छोड़कर सऊदी अरब चल गए जहां 10 साल रहने के बाद वो कनाडा में जाकर बस गए।

तारिक फतह अपने पाकिस्तान विरोधी बयानों को लेकर लगातार सुर्खियों में बने रहते हैं उन्हें भारत के लोग बेहद पसंद भी करते है जिसका सबसे बड़ा कारण ये है कि वो अपने ज्यादातर बयानों में पाकिस्तान की कड़ी आलोचना करते हैं।

उरी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान में खराब हुए संबंधो के बाद एक बार फिर तारिक फतह सुर्खियों में आ गए हैं। हाल के कुछ दिनों में अलग-अलग टीवी चैनलों को दिए इंटरव्यू में तारिक फतह ने पाकिस्तान सरकार को आड़ें होथों लिया है।

एक चैनल को दिए इंटरव्यू में तारिक फतह ने कहा है कि पाकिस्तान का असली प्रधानमंत्री नवाज शरीफ नहीं लश्कर-ए-तैयबा का संस्थापक हाफिज सईद है। तारिक फतह ने इंटरव्यू में कहा सबको पता है पाकिस्तान को कौन चला रहा है। वहां जमात उद दावा के सैनिकों ने 10 माह में 30 लाख बंगालियों की हत्या की। वे बलूच युवाओं को विमान से फेंकते हैं युवतियों से बलात्कार करते हैं।

पाकिस्तान के देश होने पर सवाल उठाते हुए तारिक फतह ने कहा पाकिस्तान एक मजाक है जो हम सबके साथ किया गया है। जब तारिक फतह से इमरान खान के उस बयान पर सवाल पूछा गया जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत को कड़ा जवाब देना चाहिए तो तारिक फतह ने कहा कहां वो राजनीति में फंसे हुए हैं उन्हें कहीं जाकर इश्क लड़ाना चाहिए।