मिस्त्री का लेटर आया सामने, रतन टाटा पर दखलंदाज़ी का लगाया आरोप
मिस्री ने कहा कि टाटा के एविएशन को लेकर जबरदस्त लगाव की वजह से टाटा संस के बोर्ड ने एविएशन सेक्टर में अपनी हिस्सेदारी को बढ़ाया। मिस्री के बयान के बाद सेबी भी हरकत में आ गई है।
नई दिल्ली:
टाटा संस के चेयरमैन पद से हटाये जाने के बाद सायरस मिस्त्री ने कंपनी की बोर्ड को किये एक मेल में हैरानी जताई है। साइरस ने अपने मेल में कहा है कि उन्हें यकीन नहीं हो रहा कि उनके हटाये जाने की वजह कमज़ोर प्रदर्शन है। उन्होंने रतन टाटा पर लगातार हस्तक्षेप करने का आरोप भी लगाया है।
सायरस मिस्री ने टाटा ग्रुप के एविएशन ज्वाइंट वेंचर (एयर एशिया इंडिया) में 22 करोड़ रुपये के फर्जी लेन देन का आरोप लगाया है। मिस्री ने कहा कि भारत और सिंगापुर की कई वैसी कंपनियों से लेन-देन किया गया जो मौजूद ही नहीं थीं।
सायरस को हटाए जाने के बाद वह लगातार रतन टाटा के खिलाफ हमलावर हैं। मिस्री ने कहा कि टाटा के एविएशन को लेकर जबरदस्त लगाव की वजह से टाटा संस के बोर्ड ने एविएशन सेक्टर में अपनी हिस्सेदारी को बढ़ाया।
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टाटा संस के चेयरमैन पद से हटाए जाने के एक दिन बाद मिस्री ने कहा, 'बोर्ड मेंबर और ट्रस्ट के सदस्य इस बात से परिचित थे कि एयर एशिया के मामले में नैतिक पहलू का मामला सामने आ चुका है।'
मिस्री ने कहा, 'हालिया फॅारेंसिक जांच यह बताती है कि भारत और सिंगपुर की वैसी कंपनियों में 22 करोड़ रुपये के फर्जी लेन देन किए गए जो मौजूद ही नहीं थीं।'
मिस्री ने कहा कि एयर एशिया के बोर्ड में शामिल और एग्जिक्यूटिव ट्रस्टी वेंकटरमण ने इन लेन-देन को महत्व नहीं देते हुए इसे नजरअंदाज किया।
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उन्होंने कहा कि मुझे एयर एशिया के साथ जेवी के प्रस्ताव पर विचार किए बिना ही इसे स्वीकार करना पड़ा और फिर टाटा संस ने जेवी में 51 फीसदी हिस्सेदारी ली। दोनों कंपनियों के बीच का यह वेंचर 10 करोड़ डॅालर का था।
2013 में टाटा संस ने मलेशियाई एविएशन कंपनी एयर एशिया और अरूण भाटिया की टेलेस्ट्रा ट्रेडप्लेस के साथ मिलकर एयर एशिया इंडिया की शुरुआत की थी।
इस बीच निवेशकों के हितों को ध्यान में रखते हुए नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने टाटा समूह की 6 कंपनियों से सायरस मिस्री के उस बयान को लेकर सफाई मांगी है जिसमें उन्होंने 18 अरब डॉलर के नुकसान का दावा किया था। मिस्री के बयान के बाद सेबी भी हरकत में आ गई है। कॅारपोरेट गवर्नेंस के नियमों के कथित उल्लंघन को लेकर सेबी पूरे मामले की निगरानी कर रहा है।
नुकसान में टाटा ग्रुप के शेयर
मिस्री विवाद के बाद लगातार दूसरे दिन भी टाटा के काउंटर पर बिकवाली का दबाव देखने को मिल रहा है। टाटा कंसल्टेंसी, टाटा स्टील, टाइटन कंपनी, टाटा कम्युनिकेशंस, टाटा केमिकल्स और टाटा मेटालिक्स में शेयरों में नुकसान हो रहा है। मंगलवार को समूह के शेयरों में 1-5 फीसदी तक की गिरावट आई और समूह की 26 लिस्टेड कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में 10,887 करोड़ रूपये का नुकसान हुआ।
बीएसई में टाटा स्टील के शेयरों में 2.7 फीसदी, टाटा पावर के शेयरों में 3.6 फीसदी़ टीसीएस में 1.20 फीसदी, टाटा होटल्स में 8 फीसदी, टाटा टेलिसर्विसेज़ 7.5 फीसदी और टाटा मोटर्स के शेयरों में 3 फीसदी का नुकसान हुआ।
वहीं सायरस की चिट्ठी में मुंद्रा पावर प्रोजेक्ट को लेकर उठाए गए सवाल के बारे में प्रतिक्रिया देते हुए टाटा पावर ने कहा कि उसने सभी संबंधित खुलासे किए हैं और उसे सायरस मिस्री की तरफ से उठाए गए सवालों पर कुछ नहीं कहना है। नैनो को लेकर मिस्री ने कहा कि भावनात्मक कारणों की वजह से टाटा मोटर्स घाटे में चल रही नैनो प्रोजेक्ट को बंद नहीं कर सकी।
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