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भूमि संशोधन विधेयक के खिलाफ शुक्रवार को झारखंड बंद का ऐलान

झारखंड सरकार के सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन विधेयक के विरोध में विपक्षी दलों ने शुक्रवार को झारखंड बंद का ऐलान किया है।

Updated on: 24 Nov 2016, 09:56 PM

highlights

  • सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन विधेयक के विरोध में शुक्रवार को झारखंड बंद का ऐलान 
  • संशोधन के बाद कृषि भूमि का इस्तेमाल गैर कृषि कार्यों में भी किया जा सकेगा

New Delhi:

झारखंड सरकार के सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन विधेयक के विरोध में विपक्षी दलों ने शुक्रवार को झारखंड बंद का ऐलान किया है। झारखंड मुक्ति मोर्चा, झारखंड विकास प्रजातांत्रिक मोर्चा, कांग्रेस, जनता दल यूनाइटेड और वाम दलों की बैठक में झारखंड बंद का फैसला लिया गया।

झारखंड सरकार ने संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम-1949 (एसएनटी) और छोटा नागपुर काश्तकारी अधिनियम 1908 (सीएनटी) में संशोधन किया है। संशोधन के बाद कृषि भूमि का इस्तेमाल गैर कृषि कार्यों में भी किया जा सकेगा। राज्य सरकार अब संशोधन के बाद इंफ्रास्ट्रक्चर और अन्य प्रोजेक्ट में इस्तेमाल के लिए कृषि भूमि का अधिग्रहण कर सकेगी। 

संशोधन विधयेक के खिलाफ विपक्षी दलों के विधायकों ने बुधवार को विधानसभा में जबरदस्त हंगामा किया। विपक्षी विधायकों ने स्पीकर दिनेश उरांव पर जूते और लोहे की कुरसी फेंके। हालांकि स्पीकर को किसी तरह की चोट नहीं आई।

हंगामे और अफरा-तफरी के बीच सरकार ने सीएनटी-एसपीटी संशोधन सहित आठ विधेयक ध्वनि मत से पास करा लिए। बिल पास होने के बाद स्पीकर ने सदन की कार्यवाही दो दिन पहले ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी।

संशोधन विधेयक पास होने के बाद हेमंत सोरेन ने कहा कि सरकार ने मूलवासियों- आदिवासियों पर कफन डालने का काम किया है। उन्होंने कहा कि असामाजिक तत्वों के सहयोग से बिल पास कराया गया है। जिन्हें सदन में घुसने की अनुमति नहीं थी, उन्हें घुसा कर हमारे विधायकों को रोका गया। जिन लोगों को सदन में रखा गया था, उनमें कई ने शराब पी रखी थी।