SC के आदेश के खिलाफ कर्नाटक विधान परिषद का फैसला, तमिलनाडु को नहीं देंगे पानी
कावेरी नदी के पानी को लेकर चल रहे ताजा विवाद में आज कर्नाटक विधान परिषद ने एक स्पेशल सेशन के दौरान दोनों सदनों ने एक साथ प्रस्ताव पास कर दिया है।
नई दिल्ली:
कावेरी नदी के पानी को लेकर चल रहे ताजा विवाद में आज कर्नाटक विधान परिषद ने एक स्पेशल सेशन के दौरान दोनों सदनों ने एक साथ प्रस्ताव पास कर दिया है। इस प्रस्ताव के तहत तमिलनाडु को पानी न देने का प्रस्ताव पास किया गया है।
इस प्रस्ताव के तहत कावेरी बेसिन और बैंगलूरू के लोगों को सिर्फ पीने के लिए पानी उपलब्ध कराया जाएगा। इस प्रस्ताव में तमिलनाडु सरकार को किसी भी तरह शामिल नहीं किया गया है। इसको पास करने में विपक्ष पूरी तरह एक जुट था। इस काउंसिल ने एक साथ ये निर्णय लिया है कि कावेरी के पानी को तमिलनाडु तक नहीं पहुंचाया जाएगा। ये प्रस्ताव एकमत से पारित किया गया।
गौरतलब है कि कावेरी निगरानी समिति ने 19 सितंबर को कर्नाटक से कहा था कि वो 21 सितंबर से 30 सितंबर तक प्रतिदिन 3000 क्यूसेक पानी छोड़े। हालांकि, शीर्ष अदालत ने कर्नाटक से 27 सितंबर तक तमिलनाडु को प्रतिदिन 6,000 क्यूसेक पानी देने का आदेश दिया था।
कर्नाटक में पीने के पानी की किल्लत है और वो अपने लोगों को ही पीने के पानी मुहैय्या नहीं करा पा रहा है। इसलिए कर्नाटक ने तमिलनाडु को पानी नहीं देने का फैसला किया है। यहाँ कोर्ट और सरकार के बीच टकराव की स्थिति बनती दिख रही है । इस प्रस्ताव में कहा गया है कि राज्य में पेयजल के लिए पानी की आवश्यकता है। सर्वोच्च न्यायालय के 20 सितंबर के आदेश के असर पर चर्चा के लिए विधान परिषद के एक विशेष सत्र में ये प्रस्ताव पारित किया गया। इस फैसले के मुताबिक बांधों का पानी राज्य में पेयजल के लिए इस्तेमाल में लाया जाएगा और पानी तमिलनाडु को नहीं दिया जा सकता।
इससे पहले पांच सितंबर को शीर्ष अदालत ने तमिलनाडु में किसानों की दुर्दशा को खत्म करने के लिए अगले 10 दिनों के लिए 15000 क्यूसेक पानी छोड़ने का आदेश दिया था।
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