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RBI की सिफारिश पर बंद किए गए 500 और 1000 रुपये के नोट: रवि शंकर प्रसाद

रवि शंकर प्रसाद के मुताबिक सत्ता में आने के बाद नरेंद्र मोदी सरकार ने काले धन पर अंकुश लगाने के लिए कई कदम उठाए। 500 और 1000 रुपयों पर रोक आखिरी विकल्प था।

Updated on: 26 Nov 2016, 11:26 PM

नई दिल्ली:

कानून और आईटी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा है कि 500 और 1000 रुपये के नोट को बंद करने का फैसला सरकार ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की सिफारिश पर किया।

रवि शंकर प्रसाद ने कहा, 'यह कोई नोटबंदी नहीं है। हम इसकी गलत व्याख्या कर रहे हैं। हमारी सरकार ने बस रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की सिफारिश पर एक फैसला लिया है। अर्थशास्त्र के नजरिए तो देखें तो यह कोई नोटबंदी नहीं है।'

बता दें कि सरकार ने 9 नवंबर को अचानक 500 और 1000 रुपये के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी। हालांकि, कुछ जरूरी सेवाओं में इसे इस्तेमाल करने की छूट दी गई।

रवि शंकर प्रसाद ने एनडीए सरकार की ओर से काले धन से निपटने के लिए उठाए गए कदमों का भी जिक्र किया। रवि शंकर प्रसाद के मुताबिक सत्ता में आने के बाद नरेंद्र मोदी ने पहली ही कैबिनेट मीटिंग में काले धन पर SIT गठित की थी।

रवि शंकर प्रसाद के अनुसार सरकार ने मॉरिसस और साइप्रस से नए समझौते किए। यही नहीं, भारत ने अमेरिका के साथ FATCA अंतर्गत समझौता किया। साथ ही आयकर के तहत ऐसे प्रावधान लाए गए जिससे लोग काले धन का खुलासा करें और जुर्माना दें। फिर बेनामी संपत्ति के खुलासे के लिए भी नियम लाए गए। रवि शंकर प्रसाद के मुताबिक 500 और 1000 के नोटों को बंद करने का फैसला इन सब में आखिरी था।

रवि शंकर प्रसाद ने कहा, 'अब यह देश ईमानदारी और पारदर्शिता की ओर बढ़ रहा है। हमें इसी ओर बढ़ते रहना चाहिए। हमारा फर्ज बनता है कि हम भारत को भ्रष्टाचार मुक्त बनाए।' रवि शंकर प्रसाद ने साथ ही कहा कि हाल के इकॉनोमिक रिफॉर्म और इसे डिजिटल रूप देने से सरकार 36,000 करोड़ रुपये बचाने में कामयाब रही है।