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साइरस मिस्त्री में नहीं बची थी टाटा संस के नेतृत्व की क्षमता:रतन टाटा

टाटा संस के अंतरिम चेयरमैन रतन टाटा ने अनौपचारिक तौर पर पहली बार टाटा संस और साइरस मिस्त्री विवाद पर बयान दिया है।

Updated on: 07 Dec 2016, 10:11 PM

highlights

  • कंपनी की बिगड़ती हालत को नहीं संभाल पा रहे थे मिस्त्री:रतन टाटा
  • टाटा ग्रुप के शेयरधारकों से पहली बार बोले रतन टाटा

नई दिल्ली:

टाटा संस के अंतरिम चेयरमैन रतन टाटा ने अनौपचारिक तौर पर पहली बार टाटा संस और साइरस मिस्त्री विवाद पर बयान दिया है।

रतन टाटा ने कहा है कि साइरस मिस्त्री को इसलिए पद से हटाया गया क्योंकि वो कंपनी की बिगड़ती हालत को संभालने में नाकाम साबित हो रहे थे और कंपनी को बुरे हालात से उबारने के लिए जरूरी कोशिशें भी नहीं कर रहे थे।

ग्रुप के शेयरधारकों से बात करते हुए रतन टाटा ने कहा कि उन्हें ग्रुप ने स्वेच्छिक सेवानिवृति लेने की पेशकश की थी लेकिन उन्होंने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया।

इतना ही नहीं रतन टाटा ने ये भी कहा कि टाटा संस ने उन्हें पद से इसलिए हटा दिया क्योंकि वो कंपनी को लीड करने का विश्वास खो चुके थे और उनमें कंपनी को आगे बढ़ाने की काबिलियत नहीं बची थी।

वहीं टाटा संस के चेयरमैन पद से हटाए जाने के बाद मिस्त्री के ऑफिस ने बयान जारी कर कहा था कि उनकी लड़ाई समूह को अंतरिम चेयरमैन टाटा के फैसलों में मनमर्जी से बचाने की लड़ाई है।