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तमिलनाडु को कावेरी का पानी देने पर कर्नाटक विधानसभा का विशेष सत्र आज

कावेरी जल बंटवारे को लेकर कर्नाटक सरकार और न्यायालय के बीच टकराव के आसार नज़र आ रहे हैं। कर्नाटक सरकार ने तमिलनाडु के लिए 23 सितंबर तक कावेरी का पानी नहीं छोड़ने का फैसला लिया है। कावेरी का पानी छोड़ने के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर शुक्रवार को विधानसभा के विशेष सत्र भी बुलाया गया है।

Updated on: 23 Sep 2016, 09:07 AM

बेंगलुरू:

कावेरी जल बंटवारे को लेकर कर्नाटक सरकार और न्यायालय के बीच टकराव के आसार नज़र आ रहे हैं। कर्नाटक सरकार ने तमिलनाडु के लिए 23 सितंबर तक कावेरी का पानी नहीं छोड़ने का फैसला लिया है। कावेरी का पानी छोड़ने के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर शुक्रवार को विधानसभा के विशेष सत्र भी बुलाया गया है।

इस मुद्दे पर चर्चा के लिये मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने गुरुवार को मंत्रिमंडल की आपात बैठक बुलाई।बैठक के बाद उन्होंने कहा, 'मंत्रिमंडल में पानी नहीं छोड़ने का फैसला लिया गया है।' इससे पहले हुई सर्वदलीय बैठक में विशेष सत्र बुलाने पर सहमति बनी थी। इस सत्र में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर चर्चा की करेगी और उसके आधार पर मंत्रिमंडल फैसला लेगा।

कावेरी निगरानी समिति ने 19 सितंबर को कर्नाटक से 21 से 30 सितंबर के बीच रोजाना 3000 क्यूसेक पानी छोड़ने का निर्देश दिया था। तमिलनाडु द्वारा सांबा फसल बचाने के लिए पानी उपलब्ध कराने पर जोर देने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 21 से 27 सितंबर के बीच रोजाना 6000 क्यूसेक पानी छोड़ने का कर्नाटक निर्देश दिया था।

कोर्ट ने यह भी कहा था कि तमिलनाडु में किसानों की परेशानी का समाधान करने के लिए अगले 10 दिनों तक 15000 क्यूसेक पानी छोड़ा जाए। इसके बाद फिर 12 सितंबर को अदालत ने 20 सितंबर तक 12000 क्यूसेक पानी छोड़ने का निर्देश दिया था।