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नोटबंदी पर मोदी सरकार का साथ छोड़ विपक्ष से जा मिली शिवसेना

बुधवार से शुरु हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष से सहयोग दिए जाने की अपील की है।

Updated on: 16 Nov 2016, 10:01 AM

highlights

  • पीएम ने लोकसभा और विधानसभा का चुनाव एक साथ कराए जाने की अपील की 
  • पीएम मोदी ने नोटबंदी को भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ धर्मयुद्ध बताया है

New Delhi:

आज से शुरु हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष से सहयोग दिए जाने की अपील की है। नोटबंदी के कारण आम आदमी को हो रही परेशानियों को देखते हुए विपक्षी दल संसद में सरकार को घेरने की रणनीति बना चुके हैं। इस बीच एनडीए को बड़ा झटका देते हुए महाराष्ट्र में बीजेपी की सहयोगी शिव सेना ने नोटबंदी के मामले में सरकार का साथ छोड़ विपक्ष से हाथ मिला लिया है।

तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी, आज अरविंद केजरीवाल और नेशनल कांफ्रेंस के उमर अब्दुल्ला के साथ राष्ट्रपति भवन तक मार्च करेंगी। हालांकि कांग्रेस के साथ अन्य विपक्षी दल इस मार्च में शामिल नहीं होंगे। ममता बनर्जी के इस मार्च में शिव सेना भी शामिल होगी।

एक साथ हो लोकसभा और विधानसभा चुनाव 

नोटबंदी के भ्रष्टाचार से लड़ाई की दिशा में एक और पहल करते हुए पीएम मोदी ने विपक्षी दलों से लोकसभा और विधानसभा का चुनाव एक साथ और सरकारी खर्च पर कराए जाने की दिशा में सहमति बनाए जाने की अपील की है।

पीएम ने कहा कि नोटबंदी भ्रष्टाचार, काला धन और जाली नोटों के खिलाफ धर्मयुद्ध है। मोदी ने जीएसटी बिल की तरह ही विपक्ष से नोटबंदी के मसले पर मदद करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि देशहित और जनहित के मसले पर आम सहमति का होना जरूरी है।

सर्वदलीय बैठक में पीएम ने कहा कि देश में साल भर चुनाव होते रहते हैं, जिससे पैसों की बर्बादी होती है। उन्होंने कहा कि यह फैसला किसी पर थोपा नहीं जा रहा है, बल्कि हमें इस दिशा में सहमति बनाने की जरूरत है। 

एकजुट हुआ विपक्ष

वहीं विपक्षी दल सरकार से नोटबंदी के फैसले को वापस लिए जाने की मांग नहीं कर रहे हैं। विपक्षी दल नोटबंदी की वजह से होने वाली परेशानियों को मुद्दा बनाते हुए सरकार को घेरने की कोशिश कर रहे हैं। कांग्रेस नोटबंदी के मसले को लेकर सरकार को संसद के दोनों सदनों में घेरने की रणनीति तैयार कर चुकी है।

शीतकालीन सत्र की शुरूआत से पहले हुई विपक्षी दलों की बैठक में कांग्रेस, माकपा, भाकपा, राकांपा, राजद, तृणमूल कांग्रेस, झामुमो, आरएसपी, जदयू, बसपा और सपा बैठक में शामिल हुए। वहीं आम आदमी पार्टी और बीजद जैसे दल बैठक से दूर रहे। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने साफ कर दिया कि वह बुधवार को राष्ट्रपति से मिलेंगी। बनर्जी नोटबंदी के फैसले के खिलाफ सबसे अधिक मुखर रही हैं।