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पाकिस्तान का वातावरण लोकतंत्र के अनुरूप नहीं: परवेज़ मुशर्रफ

पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और सेना अध्यक्ष जनरल परवेज़ मुशर्रफ ने तानाशाही को सही ठहराते हुए कहा है कि पाकिस्तान का वातावरण लोकतंत्र के अनुरूप नहीं है। उन्होंने कहा कि सेना का पाकिस्तान में अहम भूमिका रही है।

Updated on: 01 Oct 2016, 10:56 AM

नई दिल्ली:

पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और सेना अध्यक्ष जनरल परवेज़ मुशर्रफ ने तानाशाही को सही ठहराते हुए कहा है कि पाकिस्तान का वातावरण लोकतंत्र के अनुरूप नहीं है। उन्होंने कहा कि सेना का पाकिस्तान में अहम भूमिका रही है। 

मुशर्रफ ने वाशिंगटन आइडियाज़ फोरम को दिये इंटरव्यू में कहा, “आज़ादी मिलने के बाद से पाकिस्तान में सेना की एक भूमिका रही है। इसने पाकिस्तान के शासन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, खास कर तथाकथित लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकारों के कुशासन के कारण।”

मुशर्रफ ने कहा कि जो सिस्टम है उसमें निगरानी रखने का तरीका नहीं है, और संविधान में भी इसका प्रावधान नहीं है। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि सेना को दखल देना पड़ता है।

मुशर्रफ ने एक तरह से पाकिस्तान में सेना के दखल और मिलिटरी शासन को सही ठहराते हुए कहा कि पाकिस्तान में सरकारों के कामकाज में गड़बड़ियों के कारण जनता में सेना के लिये सम्मान भी है। उन्होंने कहा कि मुझे गर्व है कि सेना ने उऩका समर्थन किया।

मुशर्रफ ने आरोप लगाया कि अमेरिका ने अपनी सुविधा के अनुसार पाकिस्तान का इस्तेमाल किया है और उसे छोड़ा भी है।