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नोटबंदी के मुद्दे पर शीतकालीन सत्र का चौथा दिन भी हंगामे की भेंट चढ़ गया

विपक्षी दल के हंगामे के बाद संसद के दोनों सदनों को मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

Updated on: 21 Nov 2016, 07:54 PM

highlights

  • नोटबंदी के विरोध को लेकर शीतकालीन सत्र का चौथा दिन भी हंगामे की भेंट चढ़ गया 
  • विपक्षी दल संसद के दोनों सदनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग कर रहे हैं 

 

New Delhi:

नोटबंदी के मुद्दे पर शीतकालीन सत्र का चौथा दिन भी हंगामे की भेंट चढ़ गया। विपक्षी दल के हंगामे के बाद संसद के दोनों सदनों को मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

हालांकि रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने हंगामे के बीच लोकसभा में पटना-इंदौर एक्सप्रेस हादसे को लेकर बयान दिया। उन्होंने रेल हादसे को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए इसकी फॉरेंसिक जांच कराए जाने का आश्वासन दिया। कानपुर रेल हादसे में अब तक 142 लोगों की मौत हो चुकी है। विपक्षी दल नोटबंदी के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान पर अड़े हुए हैं वहीं सरकार भी विपक्ष के आगे घुटने टेकने को तैयार नहीं है।

सोमवार को सत्र की कार्यवाही शुरू होने से पहले बीजेपी ने अपने सांसदों को व्हिप जारी कर संसद के दोनों सदनों में मौजूद रहने का निर्देश दिया था। वहीं कांग्रेस ने भी अपने सदस्यों को व्हिप जारी कर संसद के दोनों सदनों में मौजूद रहने का निर्देश दिया था।

विपक्ष नोटबंदी के फैसले की जानकारी लीक किए जाने के आरोपों की संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराए जाने की मांग कर रहा है। हालांकि सरकार विपक्ष की इस मांग को सिरे से खारिज कर चुकी है।

संसद में सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस विपक्षी दलों के बीच बातचीत का नेतृत्व कर रही है। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद और उप नेता प्रतिपक्ष आनंद शर्मा दूसरे दलों के साथ बातचीत कर रहे हैं।

सोमवार को विपक्ष ने कानपुर रेल हादसे को लेकर भी सरकार को घेरा। सीताराम येचुरी ने कहा कि रेल हादसे में मारे गए लोगों के प्रति सरकार ने शोक जारी किया लेकिन नोटबंदी की वजह से मारे गए लोगों के प्रति कोई संवेदना नहीं जाहिर की गई।

येचुरी के बयान का बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने भी समर्थन किया। उन्होंने कहा कि नकदी निकालने के लिए लोग भूखे प्यासे कतार में खड़े हैं। गुलाम नबी आजाद ने कहा, 'वह लोग भी हमारे देश के नेता हैं। हम चाहते हैं कि सदन उन्हें भी श्रद्धांजिल दे।' उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि प्रधानमंत्री संसद में आकर इस मसले पर बयान दें। इस बीच अन्य दलों के संसद हंगामा करने लगे।

प्रधानमंत्री के खिलाफ नारेबाजी

कांग्रेस, बीएसपी और तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने पीएम मोदी के खिलाफ नारेबादी शुरू कर दी। सांसदों ने, 'नरेंद्र मोदी शर्म करो, शर्म करो। मोदी सदन में जवाब दो, पूंजीवादियों की ये सरकार नहीं चलेगी। जन विरोधी मोदी शर्म करो, शर्म करो।' के नारे लगाए।

तृणमूल कांग्रेस के सासंदों ने वित्तीय आपातकाल के पोस्टर हाथ में ले रखे थे। इस बीच रेल राज्य मंत्री राजन गोहेन कानपुर रेल हादसे पर बयान देना चाहते थे लेकिन हंगामे के कारण वह ऐसा नहीं कर पाए।

इस बीच तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने कहा है कि वह मंगलवार को एक बार फिर से दिल्ली की सड़कों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ प्रदर्शन करेंगी। ममता इससे पहले भी नोटबंदी के खिलाफ राष्ट्रपति भवन तक मार्च निकाल चुकी है। ममता के इस मार्ज में नेशनल कॉन्फ्रेंस, शिवसेना और आम आदमी पार्टी के नेता शामिल हुए। ममता नोटबंदी के खिलाफ सबसे अधिक मुखर रही हैं। ममता दिल्ली में अरविंद केजरीवाल के साथ व्यापारियों की रैली को भी संबोधित कर चुकी है।