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थोड़ी देर में ISRO रचेगा इतिहास, पहली बार दो अलग कक्षाओ में स्थापित करेगा उपग्रह

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अपने सबसे मुश्किल और लंबे मिशन पीएसएलवी-C35 को थोड़ी देर में लांच करेंगा।

Updated on: 26 Sep 2016, 09:10 AM

नई दिल्ली:

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अपने सबसे मुश्किल और लंबे मिशन पीएसएलवी-C35 को थोड़ी देर में लांच करेंगा। यह रॉकेट 8 उपग्रहों को दो अलग-अलग कक्षाओं में लेकर जाएगा। इनमें भारत के तीन और अमेरिका-कनाडा और अल्जीरिया के 5 सैटेलाइट्स शामिल हैं। उपग्रह को कक्षा तक पहुंचाने में 2.15 घंटे से ज्यादा समय लगेगा। इसे 9 बजकर 12 मिनट पर लॉन्च किया जाएगा।

मिशन की खासियत

पीएसएलवी-C35 की यह सैंतिसवी और एक्सएल मोड में यह पंद्रहवीं उड़ान है। इसरो का ये पहला मिशन है, जिसमें सैटेलाइट्स को दो अलग-अलग ऑर्बिट में पहुंचाया जाएगा। इस अभियान में भारत तीन उपग्रह हैं जिसमें कि SCATSAT-1 सैटेलाइट्स से समुद्र, मौसम की जानकारी मिलेगी। उपग्रह के जरिए समुद्र के अंदर होने वाली हर हलचल यानी साइक्लोन और तूफान पर नजर रखा जा सकता है।

इस अभियान के तहत आईआईटी मुंबई का 'प्रथम' और बेंगलुरु यूनिवर्सिटी का सैटेलाइट 'पिसाट' भी साथ जाएगा। 'प्रथम' का वजन 10 किग्रा है जबकि बेंगलुरु यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स का बनाया 'पिसाट' 5.25 किग्रा का है।