महामना के कारण ही गंगा संरक्षण की विरासत मिली: उमा भारती
संगोष्ठी का दो दिवसीय आयोजन नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में किया गया।
नई दिल्ली:
केंद्र सरकार में जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती ने सोमवार को कहा कि महामना के कारण ही आज उन्हें गंगा संरक्षण का काम मिला है।
महामना मालवीय मिशन की ओर से आयोजित अंतर्राष्ट्रीय काशी हिंदू विश्वविद्यालय एल्यूमनी छात्र सम्मेलन और 'अभ्युदय भारत' (रिसर्जेट इंडिया) संगोष्ठी के दूसरे दिन उमा भारती ने अध्यक्षता की। इस दौरान उन्होंने कहा, 'महामना के विचारों के कारण ही आज हमें गंगा संरक्षण का काम विरासत में मिला है। मुझे गंगा के संरक्षण के लिए जो भी करना होगा करूंगी। इसके लिए हमें गंगा के किनारे ही क्यों न बैठना पड़े। गंगा संरक्षण के लिए धन की नहीं, बल्कि तप की जरूरत है।'
मुख्य वक्ता के रूप में मौजूद राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सहकार्यवाहक डॉ. कृष्ण गोपाल ने कहा कि ऐसी महान आत्मा महामना ही थे, जिनमें एक महान शिक्षाविद, समाज सुधारक, राजनीतिज्ञ, पत्रकार, दूरद्रष्टा के गुण थे। मदन मोहन मालवीय सर्वगुण संपन्न थे।
डॉ. कृष्ण गोपाल ने कहा कि आखिर क्या कारण था कि इलाहाबाद में जन्म लेने वाले महामना ने बनारस में यूनिवर्सिटी खोलने का निर्णय लिया। इसका यही कारण है कि बनारस विद्वानों, त्याग, मोक्ष, तप, बलिदान और यहां तक की सत्यम शिवम सुंदरम की धरती है।
संगोष्ठी का दो दिवसीय आयोजन नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में किया गया। दो दिन के इस सम्मेलन में देश और दुनिया भर के करीब 400 से अधिक प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
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