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उत्तराखंड: आधार कार्ड में लापरवाही, 800 लोगों की एक ही जन्मतिथि

हरिद्वार के गैंदी कहात गांव के 800 से अधिक लोगों की जन्मतिथि उनके आधार कार्ड पर 1 जनवरी लिखी हुई है।

Updated on: 28 Oct 2017, 12:19 PM

highlights

  • उत्तराखंड के गांव के 800 लोगों के आधार कार्ड में जन्मतिथि एक ही
  •  यूआईडीएआई ने सफाई देते हुए कहा, सिस्टम ने ले लिया डिफॉल्ट डेट

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नई दिल्ली:

उत्तराखंड के हरिद्वार के गैंदी कहात गांव के 800 से अधिक लोगों की जन्मतिथि उनके आधार कार्ड पर 1 जनवरी लिखे होने की खबर से यूनिक आईडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआईडीएआई) को बड़ा झटका लगा है।

इन खबरों के बीच यूआईडीएआई ने सफाई देते हुए कहा कि जिन आवेदकों के पूरे दस्तावेज नहीं थे, ऐसे में सिस्टम ने जन्मतिथि के कॉलम में 1 जनवरी डिफॉल्ट डेट के रूप में लिया।

बता दें कि सरकार ने पहचान के लिए आधार कार्ड सबसे जरूरी दस्तावेज बनाया है। ऐसे में सरकारी विभाग की इस बड़ी लापरवाही के कारण कई परिवारों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

गांव निवासी वजीर अली चोपड़ा ने कहा, 'हमें कहा गया था कि विशिष्ट पहचान नंबर दिया जाएगा, पर इसमें विशष्ट क्या हैं? यहां तक कि हमारी जन्मतिथि भी एक हैं।'

आधार कार्ड बनाने वाली एजेंसी को ओरिजनल वोटर आईडी और राशन कार्ड जैसे प्रासंगिक सबूत जमा करने के बाद भी इतने जरूरी डेटा का नकलीकरण किए जाने से गांव वालों में निराशा है।

आधार कार्ड में पूरे परिवार की जन्मतिथि एक दर्शाई गई है। सात साल के बच्चे और 70 साल के दादा के साथ परिवार के सभी सदस्यों की जन्मतिथि 1 जनवरी अंकित की गई है।

हरिद्वार के एसडीएम मनीष कुमार ने कहा है कि मीडिया रिपोर्ट के जरिए यह मामला हमारे नोटिस में आया है। मामले की जांच करेंगे और जिन्होंने भी यह गड़बड़ की है, उनके खिलाफ ऐक्शन लेंगे।