'लिव इन रिलेशनशिप' में रह रही लड़कियों को घरवालों ने की अलग करने की कोशिश, मदद के लिए हाईकोर्ट का खटखटाया दरवाजा
याचिका के माध्यम से अदालत से अनुरोध किया गया था कि अदालत यह सुनिश्चित करे कि उन्हें शांतिपूर्ण तरीके से एकसाथ रहने दिया जाए और स्थानीय पुलिस की तरफ से कोई दखलअंदाजी न की जाए।
नई दिल्ली:
उत्तर प्रदेश में हापुड़ जिले की दो बालिग लड़कियों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के सामने गुहार लगाई है कि उन्हें जीवनभर एक साथ रहने की इजाजत दी जाए। हालांकि उन्होंने अपनी याचिका में शादी का जिक्र नहीं किया है, लेकिन वह एकसाथ रहना चाहती हैं। दोनों लड़कियों की याचिका पर न्यायालय की दो सदस्यीय खंडपीठ में सुनवाई पूरी हो गई है, अभी फैसला नहीं आया है।
हाईकोर्ट में अनामिका पुत्री रामदुलारे और ममता पुत्री कबूल सिंह की तरफ से संयुक्त रूप से याचिका दायर की गई थी। याचिका के माध्यम से अदालत से अनुरोध किया गया था कि अदालत यह सुनिश्चित करे कि उन्हें शांतिपूर्ण तरीके से एकसाथ रहने दिया जाए और स्थानीय पुलिस की तरफ से कोई दखलअंदाजी न की जाए।
इस याचिका को न्यायाधीश न्यायमूर्ति विक्रमनाथ की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय खंडपीठ के सामने रखा गया था। मामले पर गुरुवार को सुनवाई हुई, लेकिन अदालत की तरफ से अभी फैसला आना बाकी है।
दोनों याचिकाकर्ताओं के वकील सत्येंद्र कुमार उपाध्याय ने बताया कि दोनों लड़कियों की तरफ से हाईकोर्ट के समक्ष याचिका दायर की गई थी। इसमें इन दोनों लड़कियों ने मांग की है कि उन्हें शांतिपूर्ण तरीके से एक साथ रहने की इजाजत दी जाए। हालांकि इसमें शादी का जिक्र नहीं है।
उन्होंने बताया कि इस मामले पर अदालत ने सुनवाई पूरी कर ली है, लेकिन अभी फैसला नहीं आया है।
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यह मामला पश्चिमी उप्र के हापुड़ जिले के थाना पिलखुवा का है। अनामिका की तरफ से हापुड़ के पुलिस अधीक्षक के पास एक प्रार्थना पत्र 5-5-2018 को एक प्रार्थना पत्र दिया गया था, जिसमें उसने कहा था कि वह हापुड़ जिले के पिलखुआ थाना क्षेत्र के खेरपुर रोड की चंडी मंदिर की रहने वाली है।
वह एक पढ़ी-लिखी युवती है और वह खेरपुर की ही ममता के साथ अपना जीवन निर्वहन करना चाहती है। दोनों कई सालों से एक साथ रह रहे हैं।
अपने प्रार्थनापत्र में अनामिका ने लिखा है कि उन्होंने जीवनभर साथ रहने का समझौता कर रखा है। लेकिन उसके घरवाले उसे और उसकी दोस्त ममता को परेशान कर रहे हैं।
आशंका है कि कहीं दोनों के साथ अनहोनी न हो जाए। इसलिए जानमाल की सुरक्षा के लिए जरूरी कानून कार्यवाही कर उसकी जानमाल की सुरक्षा की जाए।
इसके बाद 8 जुलाई, 2018 को रामदुलारे की तरफ से पिलखुआ थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनकी बेटी को पड़ोस की ही एक लड़की ममता बहला-फुसलाकर भगा ले गई।
पुलिस ने उनकी शिकायत पर संज्ञान लेते हुए सोनू सिंह, ममता, कबूल सिंह और गुड्डो पत्नी कबूल सिंह के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की थी।
इस मामले के विवेचक सब इंस्पेक्टर रूपचंद ने बताया कि रामदुलारे की तरफ से चार लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज कराई गई थी। चारों के खिलाफ धारा 366, 504 और 506 के तहत मामला दर्ज किया गया था। इस मामले की विवेचना अभी चल रही है।
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उन्होंने बताया कि रामदुलारे ने आरोप लगाया था कि सोनू और ममता उनकी बेटी को बहला फुसलाकर भगा ले गए। जब इसकी जानकारी उन्होंने ममता और सोनू से मांगनी चाही तो दोनों को जान से मारने की धमकी दे गई।
जांच के दौरान यह भी सामने आया है कि ममता उसे पहले भी एक बार बहला फुसलाकर भगा ले गई थी, लेकिन बाद में अनामिका अपने घर लौट आई थी।
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