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उत्तर प्रदेश चुनाव 2017: 'साइकिल को मिलेगा हाथ का सहारा', राहुल गांधी और अखिलेश यादव के बीच हो सकती है मुलाकात

समाजवादी पार्टी कांग्रेस के साथ आगामी उत्तर प्रदेश चुनाव में गठबंधन कर सकती है। मंगलवार को विदेश दौरे से लौटे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात करेंगे।

Updated on: 10 Jan 2017, 12:21 PM

highlights

  • उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले गठबंधन कर सकती है कांग्रेस और सपा
  • कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात कर सकते हैं यूपी के सीएम अखिलेश यादव

नई दिल्ली:

दो गुटों में बंट चुकी समाजवादी पार्टी कांग्रेस के साथ आगामी उत्तर प्रदेश चुनाव में गठबंधन कर सकती है। मंगलवार को विदेश दौरे से लौटे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात करेंगे। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस करीब 100 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है।

राहुल गांधी भी उत्तर प्रदेश में गठबंधन को लेकर सहमति बनाने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर रहे हैं।

पिछले दिनों प्रियंका गांधी ने अखिलेश यादव से फोन पर बात की थी सूत्रों के मुताबिक इस दौरान समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच चुनाव पूर्व गठबंधन पर चर्चा हुई थी।

समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश में इस समय दो धरे में बंटी है। मुलायम, शिवपाल और अमर सिंह एक गुट में हैं जबकि ज्यादातर विधायकों के साथ अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव दूसरे गुट में है। पार्टी चिन्ह 'साइकिल' को लेकर अंतिम फैसला चुनाव आयोग को लेना है। वहीं उत्तर प्रदेश में कांग्रेस बड़े जनाधार वाले नेताओं की कमी से जूझ रही है। ऐसे में गठबंधन दोनों पार्टी को सत्ता में लौटाने के लिए संजीवनी का काम करेगी।

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कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी प्रशांत किशोर को दी है। जो गठबंधन की जमीन तैयार कर रहे हैं। वह पहले भी बिहार फॉर्मूले पर उत्तर प्रदेश में 'महा-गठबंधन' की कोशिश कर चुके हैं।

समाजवादी पार्टी की अंदरूनी लड़ाई को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) हमलावर रही है जबकि कांग्रेस ने नरम रवैया अपनाया है। ऐसे में पहले से भी उम्मीद की जा रही है कि कांग्रेस-सपा का गठबंधन हो सकता है।

कांग्रेस ने अगले महीने होने वाले चुनाव के लिए अभी तक उम्मीदवारों की सूची जारी नहीं की है। बताया जा रहा है कि गठबंधन की उम्मीद को देखते हुए कांग्रेस ने लिस्ट जारी करने में देरी की है। वहीं अखिलेश और मुलायम ने अलग-अलग उम्मीदवारों की सूची जारी की है, जो अभी भी विवादों में है।  

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