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आज नोएडा पहुंच 'अंधविश्वास' तोड़ेंगे योगी, जानें- क्या है वह मिथक जिससे डरते रहे हैं पूर्व के CM

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को नोएडा पहुंचेंगे। उनके दौरे के साथ ही नोएडा जाने को लेकर पिछले कई दशकों से चले आ रहे मिथक भी टूट जाएंगे।

Updated on: 23 Dec 2017, 01:58 PM

highlights

  • योगी आदित्यनाथ ने कहा, वह इस अंधविश्वास को तोड़ने के लिए नोएडा जाएंगे
  • आज सीएम योगी 25 दिसंबर को होने वाले मेट्रो रेल सेवा के उद्घाटन कार्यक्रम की समीक्षा करेंगे

नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को नोएडा पहुंचेंगे। उनके दौरे के साथ ही नोएडा जाने को लेकर पिछले कई दशकों से चले आ रहे मिथक भी टूट जाएंगे।

राज्य में बनी पिछली कई सरकारों के मुख्यमंत्री इस अंधविश्वास की वजह से नोएडा नहीं जाते थे कि वहां जाने से उनकी कुर्सी चली जाएगी लेकिन योगी का कहना है कि वह इस अंधविश्वास को तोड़ने के लिए नोएडा जाएंगे। योगी का कहना है कि वह अशुभ को शुभ करने जाएंगे।

मुख्यमंत्री शनिवार को 25 दिसंबर को होने वाले मेट्रो रेल सेवा के उद्घाटन कार्यक्रम की समीक्षा करेंगे। वहीं एमिटी यूनिवर्सिटी कैंपस में होने वाले भारतीय जनता पार्टी की जनसभा की भी जानकारी लेंगे।

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नोएडा के बोटेनिकल गार्डन से दक्षिणी दिल्ली के कालकाजी तक जाने वाली मेट्रो रेल सेवा का 25 दिसंबर को उद्घाटन करेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इस समारोह में शामिल होंगे।

मायावती भी दिखा चुकी हैं दम

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ऐसे दूसरे मुख्यमंत्री हैं जो जानबूझकर राजनीतिक रूप से मनहूस माने जाने वाले नोएडा जाने की हिम्मत कर रहे हैं। इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री मायावती 2011 में नोएडा गई थीं और 2012 के चुनावों में उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था।

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गौरतलब है कि सियासी गलियारों में नोएडा को लेकर यह अंधविश्वास है कि अगर प्रदेश का कोई मुख्यमंत्री अपने कार्यकाल के दौरान नोएडा का दौरा करता है तो उसको कुर्सी गंवानी पड़ती है। आधुनिक तकनीक के कायल तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपने पूरे कार्यकाल में नोएडा जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाए।

इससे पहले उप्र का मुख्यमंत्री रहते हुए हुए वीर बहादुर सिंह ने नोएडा का दौरा किया था जिसके कुछ दिन बाद जून 1988 को उनकी कुर्सी चली गई थी। 1989 में नारायण दत्त तिवारी और 1999 में कल्याण सिंह की कुर्सी भी नोएडा आने के बाद चली गई थी।

इसके बाद 1995 में मुख्यमंत्री रहते हुए मुलायम सिंह यादव ने नोएडा का दौरा किया पर अगली बार वह सत्ता से बाहर हो गए और 1997 में मायावती के नोएडा आने के बाद ही सत्ता ने उनसे दूरी बना ली। वहीं मायावती दोबारा 2011 में नोएडा आईं और 2012 के चुनाव में वह हार गईं।

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(इनपुट IANS से भी)