योगी आदित्यनाथ के बदले सुर, कर सकते हैं ताज का दीदार!
आदित्यनाथ ने कहा कि ताजमहल पर्यटन के दृष्टिकोण से हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है, इसलिए यह हमारी प्राथमिकता है कि हम वहां पर्यटकों को सुरक्षा और सुविधाएं प्रदान करें।
highlights
- योगी सरकार ने हाल ही में जारी की गई टूरिज्म लिस्ट से ताज महल को बाहर कर दिया था
- आदित्यनाथ 25 अक्टूबर को आगरा में ताजमहल और अन्य स्मारकों का भ्रमण करने वाले हैं
नई दिल्ली:
ताजमहल को लेकर चल रहे मौजूदा विवादों के बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपना रुख बदल लिया है। बता दें कि आदित्यनाथ 25 अक्टूबर को आगरा में ताजमहल और अन्य स्मारकों का दौरा कर सकते हैं।
यूपी सीएम ने कहा, 'यह कोई मायने नहीं रखता है कि ताजमहल को किसने और किस कारण से बनवाया है, लेकिन यह भारतीय मजदूरों के खून और पसीने से बनाई गई है।'
आदित्यनाथ ने कहा, 'ताजमहल पर्यटन के दृष्टिकोण से हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है, इसलिए यह हमारी प्राथमिकता है कि हम वहां पर्यटकों को सुरक्षा और सुविधाएं प्रदान करें।'
गौरतलब है कि योगी सरकार ने हाल ही में जारी की गई टूरिज्म लिस्ट से ताज महल को बाहर कर दिया था, जिसके बाद काफी बवाल मचा और सरकार के इस कदम की कड़ी आलोचना भी की गई।
इससे पहले कई मौकों पर योगी आदित्यनाथ ताज महल और मुगल शासकों के खिलाफ तीखी टिप्पणी करते हुए इसे भारतीय संस्कृति का हिस्सा मानने से इंकार तक कर चुके हैं।
अभी हाल ही में बीजेपी नेता संगीत सोम ने रविवार को ताजमहल पर विवादित बयान दिया था।
सोम ने कहा था, 'ताजमहल को गद्दारों ने बनवाया था, इसलिए इसका इतिहास में जिक्र नहीं होना चाहिए। ताजमहल बनाने वाले ने अपने पिता को कैद में डाला था। देश का इतिहास अब तक बिगड़ा हुआ था जिसे सुधारने का काम बीजेपी कर रही है।'
संगीत सोम के दिए विवादित बयान पर समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता आजम खान ने तंज करते हुए कहा कि ताजमहल के अलावा राष्ट्रपति भवन और संसद भी गुलामी के प्रतीक हैं, इन सबको भी मिटा देना चाहिए।
बता दें कि भारत के मुख्य धरोहरों में से एक ताजमहल को उत्तर प्रदेश सरकार ने तवज्जो नहीं देते हुए बुकलेट में गोरखनाथ मंदिर को जगह दी गई थी।
और पढ़ें: संगीत सोम पर आजम का तंज, राष्ट्रपति भवन और संसद भी गुलामी के प्रतीक, इन्हें भी मिटा देना चाहिए
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