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विधानसभा चुनाव: पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 73 सीटों पर आज डाले जाएंगे वोट, 839 उम्मीदवारों के भाग्य का होगा फैसला

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 73 विधानसभा सीटों पर शनिवार सुबह सात बजे से वोट डाले जाएंगे। स्वतंत्र और निष्पक्ष मतदान के लिए सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किये गये हैं।

Updated on: 11 Feb 2017, 12:15 AM

highlights

  • पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 73 सीटों पर शनिवार को डाले जाएंगे वोट
  • पहले चरण के तहत 15 जिलों में डाले जाएंगे वोट, सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त
  • बीएसपी, बीजेपी, सपा-कांग्रेस गठबंधन और आरएलडी में है कड़ी टक्कर

नई दिल्ली:

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 73 विधानसभा सीटों पर शनिवार सुबह सात बजे से वोट डाले जाएंगे। स्वतंत्र और निष्पक्ष मतदान के लिए सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किये गये हैं। वोटिंग मशीन (ईवीएम) मतदान केंद्रों पर भेज दिया गया है।

पहले चरण के लिए अधिसूचना 17 जनवरी को जारी हुई थी, जबकि प्रत्याशियों ने 24 जनवरी तक अपना नामांकन किया था। नामांकन पत्रों की जांच 25 जनवरी तक पूरी हुई थी। पहले चरण के चुनाव में एक करोड़ 17 लाख महिलाओं समेत कुल दो करोड़ 60 लाख मतदाता कुल 839 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे। मतदान के लिये 26,823 केन्द्र बनाये गये हैं।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कई मुद्दे हैं। मसलन महिलाओं के प्रति अपराधों का आंकड़ा यहां पूरे प्रदेश में सबसे ज्यादा है, तो सांप्रदायिक दंगों का दंश भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश ने ही सबसे ज्यादा झेला है। जिसे ध्यान में रखते हुए वोटर वोट डालेंगे।

2014 लोकसभा चुनाव से पहले मुजफ्फरनगर दंगे ने यूपी की सियासत का रुख पलट दिया था। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 15 जिलों से ही विधानसभा का द्वार खुलेगा।

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यूपी विधानसभा के 403 सीटों के लिए 8 मार्च तक सात चरणों में चुनाव हो रहे हैं। कांग्रेस-सपा गठबंधन, बीजेपी और बीएसपी के बीच मुख्य मुकाबला है। 2012 के विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी ने 224 सीट जीतकर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी। पिछले चुनावों में बसपा को 80, बीजेपी को 47, कांग्रेस को 28, रालोद को 9 और अन्य को 24 सीटें मिलीं थीं।

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पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बसपा की सियासी जमीन खासा मजबूत रही है, लेकिन 2012 के चुनाव में यहां समाजवादी पार्टी ने भी अपने पंख फैलाए हैं। 2012 में दोनों ही पार्टियों को इन 73 सीटों में से 24-24 सीटें हासिल हुईं थीं, जबकि सपा 2007 में केवल पांच सीटों पर ही सिमट गई थी।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में करीब 21 फीसदी दलित, 20 फीसदी मुस्लिम, 17 फीसदी जाट और 13 फीसदी यादव हैं। ब्राह्मण और ठाकुर वोट करीब 28 फीसदी है। जाट पर अजीत सिंह की अच्छी पकड़ मानी जाती है। जबकि मायावती दलित-मुस्लिम समीकरण साधने की कोशिश कर रही हैं।

इन-इन सीटों पर डाले जाएंगे वोट

चुनाव आयोग के मुताबिक, पहले चरण में शामली जिले की कैराना, थाना भवन, शामली मुजफ्फरनगर की बुढ़ाना, चरथावल, पुरकाजी, मुजफ्फरनगर, खतौली, मीरापुर विधानसभा सीटों पर मतदान होगा।

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इसके अलावा बागपत जिले की छपरौली, बड़ौत व मेरठ जिले की सिवालखास, सरधना, हस्तिनापुर, किठोर, मेरठ कैंट, मेरठ, मेरठ साउथ विधानसभा सीटों पर भी मतदान होगा।

गाजियाबाद की लोनी, मुरादनगर, साहिबाबाद, गाजियाबाद, मोदी नगर व गौतमबुद्धनगर की नोएडा, दादरी, जेवर विधानसभा सीट पर भी पहले चरण के तहत ही मतदान होगा।

इसके साथ ही, हापुड़ की धौलाना, हापुड़, गढ़मुक्तेश्वर, बुलंदशहर की सिकंदराबाद, स्याना, अनूपशहर, देबाई, शिकारपुर, खुर्जा के साथ ही अलीगढ़ जिले की खैर, बरौली, अतरौली, छर्रा, कोइल, अलीगढ़, इगलास विधानसभा सीटों पर भी पहले चरण का मतदान होगा।

मथुरा जिले की छाता, मांट, गोवर्धन, मथुरा, बलदेव व हाथरस जिले की हाथरस, सादाबाद, सिकंदर राव व आगरा जिले की एतमादपुर, आगरा कैंट, आगरा साउथ, आगरा नॉर्थ, आगरा ग्रामीण, फतेहपुर सीकरी, खेरागढ़, फतेहाबाद, बाह सीटों पर मतदान होगा।

फिरोजाबाद की टूंडला, जसराना, फिरोजाबाद, शिकोहाबाद, सिरसागंज व एटा जिले की अलीगंज, एटा, मरहरा, जलेसर कासगंज जिले की कासगंज, अमनपुर, पटियाली सीट पर पहले चरण के दौरान मतदान होगा।