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SC-ST एक्ट में संशोधन के विरोध में अनोखा प्रदर्शन, चुनाव में NOTA दबाने की तैयारी

इस पोस्टर पर साफ-साफ लिखा है की यह कॉलोनी सवर्ण और ओबीसी वर्ग की है. कोई भी राजनीतिक दल यहां वोट मांगने की चेष्टा ना करें.

Updated on: 14 Sep 2018, 03:39 PM

नई दिल्ली:

SC-ST एक्ट को लेकर आगरा में रोजाना अलग अलग तरीके से विरोध देखने को मिल रहा है. एससी एसटी एक्ट को लेकर सवर्ण और ओबीसी समाज में फैला आक्रोश लगातार बढ़ता नजर आ रहा है. एक्ट में किए गए संशोधन को लेकर लोगों में किस कदर नाराजगी है, इसका अंदाजा सदर थाना क्षेत्र की जंगजीत नगर कॉलोनी के मुख्य द्वार पर लगे पोस्टर को देख कर आसानी से लगाया जा सकता है.

इस पोस्टर पर साफ-साफ लिखा है की यह कॉलोनी सवर्ण और ओबीसी वर्ग की है. कोई भी राजनीतिक दल यहां वोट मांगने की चेष्टा ना करें. भारतीय जनता पार्टी का गढ़ माने जाने वाले इस इलाके में सवर्ण और ओबीसी समाज के लोग काफी संख्या में रहते हैं. सभी ने एक्ट का पुरजोर विरोध शुरू कर दिया है.

एक्ट के विरोध में एकजुट हुए लोगो ने जोरदार नारेबाजी कर अपना आक्रोश प्रकट किया. एससी एसटी एक्ट को लेकर लोगो मे किस कदर नाराज़गी है खुद सुनिए उन्ही की जुबानी. जो अब चुनाव में नोटा का प्रयोग करने की बात भी खुल कर कह रहे है.

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इससे पहले 6 सितंबर को केंद्र सरकार द्वारा एससी/एसटी एक्ट में किए गए संशोधन के विरोध में सवर्णो ने भारत बंद का आह्वाहन किया था.

क्या है मामला

विवाद उस एससी-एसटी ऐक्ट को लेकर है, जिसमें मोदी सरकार ने संशोधन करते हुए सुप्रीम कोर्ट का फैसला पलट दिया था. एससी-एसटी संशोधन विधेयक 2018 के जरिए मूल कानून में धारा 18A को जोड़ते हुए पुराने कानून को बहाल कर दिया जाएगा.

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सरकार की ओर से किए गए संशोधन के बाद इस मामले में केस दर्ज होते ही गिरफ्तारी का प्रावधान फिर से जोड़ दिया गया है. इसके अलावा आरोपी को अग्रिम जमानत भी नहीं मिलेगी, बल्कि हाई कोर्ट से ही नियमित जमानत मिल सकेगी.

जातिसूचक शब्दों का उपयोग करने की शिकायत पर तुरंत मामला दर्ज होगा और मामले की जांच इंस्पेक्टर रैंक के पुलिस अधिकारी करेंगे. एससी-एसटी मामलों की सुनवाई सिर्फ स्पेशल कोर्ट में होगी.

इतना ही नहीं सरकारी कर्मचारी के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दायर करने से पहले जांच एजेंसी को अथॉरिटी से इजाजत भी नहीं लेनी होगी.