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योगी आदित्यनाथ सीएम तो सांसद कैसे? इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अटॉर्नी जनरल को भेजा नोटिस

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के अब तक सांसद बने रहने के मसले पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी को नोटिस जारी किया है।

Updated on: 16 May 2017, 11:43 AM

highlights

  • योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री पद से हटाये जाने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में पीआईएल
  • इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अटॉर्नी जनरल को भेजा नोटिस, मांगी राय
  • योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से सांसद हैं, याचिकाकर्ता का आरोप है कि वह दो पदों पर कैसे रह सकते हैं 

नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के अब तक सांसद बने रहने के मसले पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी को नोटिस जारी किया है।

हाईकोर्ट ने रोहतगी से योगी और मौर्य की दोहरी सदस्यता पर राय मांगी है। मामले में अगली सुनवाई 24 मई को होगी।

जस्टिस सुधीर अग्रवाल और जस्टिस वीरेंद्र कुमार की खंडपीठ ने दरअसल समाजसेवी संजय शर्मा की ओर से दायर जनहित याचिका पर नोटिस जारी किया है।

शर्मा ने जनहित याचिका (पीआईएल) याचिका दाखिल कर कहा है कि सांसद किसी राज्य का मंत्री नहीं बन सकता और यह संविधान के अनुच्छेद 10(2) का उल्ल्ंघन है।

शर्मा ने अपनी दलील के समर्थन में संसद (अयोग्यता का निवारण) अधिनियम 1959 के प्रावधानों का हवाला दिया है और आदित्यनाथ के साथ मौर्य की नियुक्ति रद्द करने की मांग की है। दोनों नेताओं ने 19 मार्च को शपथ ली थी।

याचिका में शर्मा ने कहा, 'योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री और मौर्य को उप मुख्यमंत्री पद के लिए अयोग्य ठहराया जाना चाहिए क्योंकि दोनों अब भी सांसद हैं।'

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आपको बता दें की योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से और केशव प्रसाद मौर्य फूलपुर से सांसद हैं। सूत्रों के मुताबिक बीजेपी नहीं चाहती है कि दोनों राष्ट्रपति चुनाव तक इस्तीफा दें।

नियम के अनुसार मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद छह महीने के भीतर विधायक के चुनाव में जीत दर्ज करना होता है।

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