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देवरिया शेल्टर होम केस: एसपी हटाए गए, पुलिस अफसरों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू

देवरिया शेल्टर होम केस में हाई कोर्ट की सख्ती के बाद योगी सरकार ने पुलिस अफसरों पर कार्रवाई शुरू कर दी है।

Updated on: 15 Aug 2018, 07:54 PM

यूपी:

देवरिया शेल्टर होम मामले में योगी सरकार ने पुलिस अफसरों पर कार्रवाई शुरू कर दी है। देवरिया के वर्तमान एसपी रोहन पी. कनय को बुधवार को हटाते हुए उन्हें डीजीपी कार्यालय से सम्बद्ध कर दिया गया। इसके साथ ही उनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी गई है। वहीं, देवरिया के पूर्व एसपी राकेश शंकर का भी तबादला कर दिया गया है। इनके अलावा सीओ सदर दयाराम सिंह गौड़ पर भी कार्रवाई की गई है। उनका तबादला कर जांच शुरू कर दी गई है।

इसके अलावा जिला प्रोबेशन अधिकारी के दर्ज कराए मुकदमे में लापरवाही व शिथिलता बरतने पर थाना प्रभारी और विवेचक को भी सस्पेंड कर दिया गया है।

बता दें कि देवरिया बालिका गृह यौन शोषण मामले में पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाए गए थे, जिसके बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर एडीजी गोरखपुर दावा शेरपा को जांच का जिम्मा सौंपा गया था। एडीजी ने पड़ताल पूरी कर शासन को रिपोर्ट सौंपी थी। इसी रिपोर्ट के आधार पर यह कार्रवाई की गई है।

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इस मामले पर हाई कोर्ट हुई सख्त

इस केस में सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने एसआईटी जांच पर कई सवाल उठाए थे। चीफ जस्टिस डीबी भोसले और जस्टिस यशवंत वर्मा की खंडपीठ ने असंतोष जाहिर करते हुए कहा था कि पुलिस को शेल्टर होम के स्टाफ, पड़ोसियों, लड़कियों को लाने-ले जाने वाली कारों के ड्राइवरों का पता लगाकर बयान दर्ज करने चाहिए थे।

हाई कोर्ट की सख्ती के बाद ही योगी सरकार ने पुलिस अफसरों पर कार्रवाई शुरू की है।

गौरतलब है कि बिहार के मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड की तरह ही उत्तर प्रदेश के देवरिया में बालिका संरक्षण गृह में भी देह व्यापार कराए जाने का खुलासा हुआ था। संरक्षण गृह से भागी एक लड़की ने इस बात की जानकारी दी थी। इसकी खबर मिलते ही जब रात में पुलिस ने छापा मारा तो वहां से 18 लड़कियां गायब मिलीं।

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सीएम ने लिया मामले का संज्ञान

यह मामला सामने आने के बाद संचालिका और उसके पति को गिरफ्तार कर लिया गया। वहीं, सीएम ने जिले के डीएम सुजीत कुमार को तत्काल प्रभाव से हटाने के निर्देश दे दिए। जिले के पूर्व डीपीओ की लापरवाही देखते हुए उन्हें भी सस्पेंड कर दिया गया। पूर्व प्रभारी जिला प्रोबेशन अधिकारी नीरज कुमार और अनूप सिंह के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए थे।

रद्द की जा चुकी थी बालिका गृह की मान्यता

पुलिस के मुताबिक, इस एनजीओ की सूची में 42 लड़कियों का नाम दर्ज था, लेकिन छापेमारी के दौरान मौके पर केवल 24 लड़कियां मिली थीं। साल 2017 में इस बालिका गृह की जांच हुई थी। इस दौरान एनजीओ में अनियमितता पाई गई थी, जिसके बाद इसकी मान्यता को रद्द कर दिया गया था।

सफेद-काले रंग की कारों से आते थे लोग!

शेल्टर होम से भागी बच्ची ने पुलिस को बताया कि वहां सफेद और काले रंग की कारों में लोग आते थे। मैडम के साथ लड़कियां लेकर जाते थे, वो देर रात रोते हुए लौटा करती थीं। 

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बिहार में बालिका गृह में लड़कियों के साथ हुआ रेप

बता दें कि इसके पहले बिहार के मुजफ्फरपुर में बालिका गृह की 34 लड़कियों के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आ चुका है। मामले की सीबीआई जांच चल रही है। वहीं, इस कांड को लेकर सियासत भी गर्म है।