प्रयागराज के नाम से जाना जाएगा इलाहाबाद, योगी सरकार जल्द करेगी घोषणा
इलाहाबाद अरबी शब्द इलाह (दीन-ए-इलाही में इसे अल्लाह माना गया है) और फारसी शब्द आबाद (अर्थात बसाया हुआ) से मिलकर बना है।
नई दिल्ली:
उत्तरप्रदेश की योगी सरकार ने इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज करने का फ़ैसला किया है। अगर सब-कुछ सही रहा तो 2019 के कुंभ मेला से पहले ही इसका नाम बदल दिया जाएगा।
तीर्थराज प्रयाग के नाम से मशहूर इलाहाबाद में अगले साल संगम पर कुंभ मेला होना है। बता दें कि यहां गंगा, यमुना और सरस्वती का मिलन होता है इसलिए इसे संगम के नाम से भी जाना जाता है।
कुंभ हिंदुओं की प्रमुख धार्मिक मान्यताओं की परंपराओं में एक है, जिसमें करोड़ों लोग जुटते हैं। इसलिए इसे लोकसभा चुनाव में भी भुनाने की कोशिश होगी।
जानकार बताते हैं कि इलाहाबाद पहले प्रयाग के नाम से ही जाना जाता था लेकिन 1583 में मुगल बादशाह अकबर ने इसका नाम बदलकर इलाहाबाद कर दिया था।
इलाहाबाद अरबी शब्द इलाह (दीन-ए-इलाही में इसे अल्लाह माना गया है) और फारसी शब्द आबाद (अर्थात बसाया हुआ) से मिलकर बना है।
गौरतलब है कि यूपी में ज़िलों या क़स्बों का नाम बदलने की सियासत काफी पुरानी है। इससे पहले मायावती के सीएम रहते हुए 8 पुराने शहरों के नाम बदले थे और इन्हें दलित महापुरुषों के नाम पर रखे थे।
हालांकि बाद में अखिलेश यादव की सरकार ने मायावती के फैसले को पलटते हुए पुराने नाम वापस दे दिए। इसमें अमेठी, हापुड़, शामली, संभल, हाथरस, कानपुर देहात, कासगंज और अमरोहा शामिल हैं।
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