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मीट दुकानों के लाइसेंस के नवीनीकरण नहीं करने पर कोर्ट ने निगम से मांगा जवाब

मीट दुकानों के लाइसेंस के नवीनीकरण पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने लखनऊ नगर निगम से 3 अप्रैल तक जवाब मांगा है।

Updated on: 27 Mar 2017, 10:01 PM

नई दिल्ली:

मीट दुकानों के लाइसेंस के नवीनीकरण पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने लखनऊ नगर निगम से 3 अप्रैल तक जवाब मांगा है।

कोर्ट ने लखनऊ नगर निगम से जवाब मांगा है कि उसने 2014 में एक्सपायर हुए लाइसेंस को अभी तक रिन्यू क्यों नहीं किया है।

2015 में शहाबुद्दीन और दूसरे मीट व्यापारियों की ओर से दायर याचिका पर अमरेश्वर प्रताप साही और संजय हरकौली की डिविज़न बेंच ने लखनऊ नगर निगम को जवाब देना का निर्देश दिया है।

याचिकाकर्ताओं के वकील जी सी सिन्हा ने कहा कि मीट शॉप के लाइसेंस को 2014 के बाद रिन्यू नहीं किया गया। उन्होंने बताया कि अदालत ने ये जानकारी मांगी है कि अभी तक इस संबंध में कोई फैसला क्यो नहीं लिया गया।

सिन्हा ने बताया कि लखनऊ नगर निगम को लाइसेंस रिन्यू करने के लिये निर्देश जारी किये जाएं इस संबंध में भी एक याचिका दायर की गई है।

योगी आदित्यनाथ के राज्य के मुख्यमंत्री बनने के बाद राज्य में अवैध बूचड़खानों पर कार्रवाई हो रही है और राज्य के तमाम बूचड़काने और मीट का कारोबार करने वाली दुकानों पर कार्रवाई हो रही है।

सरकार के इस कदम से मीट व्यापारियों को घाटा होग रहा है। हालांकि सरकार ने कहा है कि जिन लोगों के पास लाइसेंस है और वैध तरीके से काम कर रहे हैं उनको डरने की जरूरत नहीं है।