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UP के इन स्टेशनों का बदलने वाला है नाम, जानें किसके पास है नाम बदलने का अधिकार

Railway Stations Name Change: उत्तर प्रदेश के सात रेलवे स्टेशनों का नाम बदलने जा रहा है. जिसके लिए गृह मंत्रालय से मंजूरी मिल गई है. कुछ ही दिनों में इन रेलवे स्टेशनों को नए नाम से जाना जाने लगेगा.

Updated on: 05 May 2024, 06:28 PM

नई दिल्ली:

Railway Stations Name Change: यूपी की योगी सरकार राज्य के कई शहरों और रेलवे स्टेशनों का नाम बदलने को लेकर सुर्खियों में रही है. आपको जानकर हैरानी होगी कि रेलवे स्टेशनों का नाम बदलने का अधिकार रेलवे नहीं बल्कि राज्य सरकारों के पास ही होता है. इसी बीच जानकारी सामने आई है कि भारतीय रेलवे ने घोषणा की है कि गृह मंत्रालय ने निकट भविष्य में यूपी के सात रेलवे स्टेशनों के नाम बदलने के राज्य सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इसके बाद इन शहरों के रेलवे स्टेशन नए नाम से जाने जाएंगे.

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तीन भाषाओं में लिखा जाता है स्टेशन का नाम

बता दें कि गृह मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश के सात स्टेशनों के नाम बदलने के यूपी सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. नाम बदलने को लेकर ये नियम है कि नाम बदलने की प्रक्रिया के लिए किसी राज्य के स्टेशन प्रशासन को गृह मंत्रालय से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) प्राप्त करना आवश्यक है. बता दें कि रेलवे स्टेशन का नाम तीन भाषाओं में लिखा जाता है. इनमें हिंदी, अंग्रेजी और एक स्थानीय भाषा शामिल है.

इन स्टेशनों के बदले जाएंगे नाम

नई सूची के अनुसार फुरसतगंज का नाम बदलकर तपेश्वरनाथ धाम रखा जाएगा. जबकि कासिमपुर हाल्ट का नाम जायस सिटी. और जायस सिटी का नाम बदलकर गुरु गोरखनाथ धाम रखा जाएगा. वहीं बानी स्टेशन का नाम बदलकर स्वामी परमहंस किया जाएगा. जबकि मिसरौली का नाम मां कालिकन धाम और निहालगढ़ का नाम महाराजा बिजली पासी रखा जाना तय हुआ है. सूत्रों के मुताबिक, आजादी के बाद से देश भर में अब तक 100 से ज्यादा रेलवे स्टेशनों का नाम बदला जा चुका है.

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क्या हैं स्टेशनों का नाम बदलने के नियम

बता दें कि किसी भी रेलवे स्टेशन का नाम बदलना राज्य सरकार के अधीन आता है. ऐसे मामलों में राज्य सरकार, केंद्र, गृह मंत्रालय और नोडल मंत्रालय को इस संबंध में अनुरोध भेजती है, जो रेल मंत्रालय के हस्‍तक्षेत्र में अपनी मंजूरी देता है.

इन स्टेशनों के बदले जा चुके हैं नाम

बता दें कि पिछले कुछ सालों में देश के कई रेलवे स्टेशनों के नाम बदले जा चुके हैं. इनमें मुगलसराय स्टेशन का नाम भी शामिल है. जिसे अब पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन के नाम से जाना जाता है. दरअसल, जनसंघ के नेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय का पार्थिव शरीर 11 फरवरी 1968 को मुगलसराय जंक्‍शन पर ही मिला था. इसी के चलते उनकी स्मृति में इस रेलवे स्टेशन का नाम मुगलसराय जंक्‍शन से बदलकर पंडित दीनदयाल उपाध्‍याय जंक्‍शन कर दिया गया.

इसके अलावा इलाहाबाद जंक्शन का नाम भी बदला जा चुकी है. अब इसे प्रयागराज जंक्शन के नाम से जाना जाता है. दरअसल, जब इलाहाबाद शहर का नाम प्रयागराज किया गया, उसी वक्‍त रेलवे स्टेशन का भी नाम प्रयागराज रखा गया था. इसी तरह भोपाल के हबीबगंज रेलवे स्‍टेशन का भी नाम बदलकर रानी कमलापति रेलवे स्टेशन किया जा चुका है.

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