AAP ने गांधी और बादल परिवार पर साधा निशाना
आम आदमी पार्टी (आप) ने कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल (बादल) पर सीधा हमला बोला है.
चंडीगढ़:
आम आदमी पार्टी (आप) ने कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल (बादल) पर सीधा हमला बोलते हुए आरोप लगाया है कि दोनों पार्टियां केन्द्र की भाजपा सरकार की 'तानाशाही शासन' और जनविरोधी नीतियों के खिलाफ लड़ाई लड़ने के बजाय केवल अपने पार्टी अध्यक्षों के राजनीतिक भविष्य सुरक्षित करने की लड़ाई लड़ रही है. गुरुवार को आप पंजाब के मुख्य प्रवक्ता मलविंदर सिंह कंग ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार भारत में तानाशाही शासन चला रही है, जिसके कारण देश में आर्थिक और सामाजिक असमानता काफी ज्यादा बढ़ गई है, लेकिन कांग्रेस और अकाली दल जैसी पार्टियां देश के लोगों की रक्षा करने के बजाए अपने पार्टी अध्यक्षों के राजनीतिक भविष्य की रक्षा करने में लगी हुई है.
कंग ने कहा कि पूरे देश में केवल आम आदमी पार्टी और उसके सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ही लोकतंत्र की रक्षा करने की अपनी जिम्मेदारी के प्रति सचेत हैं और मोदी सरकार के हर "जनविरोधी नीतियों और फैसलों" के खिलाफ हमेशा बुलंदी से सवाल उठा रहे हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस, जो केंद्र में मुख्य विपक्षी दल है, ने मोदी सरकार के "असंवैधानिक और जनविरोधी नीतियों" के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करना आवश्यक नहीं समझा, लेकिन जब सोनिया और राहुल गांधी को ईडी ने पूछताछ के लिए बुलाया तो कांग्रेस ने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को ब्लॉक स्तर से लेकर जिला स्तर तक विरोध प्रदर्शन करने का निर्देश दिया.
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार कॉरपोरेट घरानों को फायदा पहुंचा रही है और सरकारी क्षेत्रों का लगातार निजीकरण कर रही है. ये फैसले सीधे आम लोगों को प्रभावित कर रहे हैं, लेकिन कांग्रेस पार्टी के लिए यह विरोध का विषय नहीं है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं को आज देश से ज्यादा गांधी परिवार को बचाना ज्यादा जरूरी लग रहा है. अकाली दल पर निशाना साधते हुए कंग ने कहा कि कांग्रेस की तरह 100 साल पुरानी अकाली दल के कार्यकर्ता भी आज पार्टी प्रधान सुखबीर बादल से नाखुश हैं और मांग कर रहे हैं कि उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए, लेकिन बादल परिवार पार्टी पर से अपना कब्जा छोड़ने को तैयार नहीं है.
उन्होंने कहा कि जब शिअद पंजाब में सत्ता में थी और केन्द्र में भी भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के साथ गठबंधन में सहयोगी थी, तो उन्होंने बंदी सिखों की रिहाई का मुद्दा कभी नहीं उठाया, अब जब बादल परिवार का भविष्य खतरे में है, वे इन मुद्दों को उठाकर जनता का ध्यान असल मुद्दों से भटका रहे हैं. इस मौके पर आप के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता जगतार सिंह सिंघेड़ा भी मौजूद थे.
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