केरल में बाढ़ के बाद RAT FEVER का कहर, जानें इस खतरनाक बीमारी के बचाव के उपाए
रैट फीवर बेक्टीरिया से फैलने वाली बीमारी गंदी पानी और गंदी मिट्टी से फैलती है। यह बेक्टीरिया जानवरों से गंदे पानी और मिट्टी में फैलता है और फिर धीरे-धीरे लोगों में फैल जाता है।
नई दिल्ली:
भीषण बाढ़ से उबर रहे केरल में सोमवार को रैट फीवर से दो और लोगों की मौत होने से पिछले तीन दिनों में इससे मरने वालों की संख्या नौ हो गई है। अब तक इस बीमारी से 12 लोग की जान जा चुकी है। इसे देखते हुए राज्य में तीन हफ्ते के लिए हाई अलर्ट लागू कर दिया गया है। कोझिकोड और पथानमतिट्टा जिलों में 71 और लोगों में इस बीमारी के लक्षण मिले हैं। वहीं केरल में बाढ़ के बाद अन्य जानलेवा बीमारियों का भी खतरा बढ़ गया है। अगस्त से अब तक पानी से फैलने वाली बीमारियों के 372 मामले सामले आये हैं, जिसमें 54 लोगों की मौत हो गई है।
रैट फीवर बीमारी जानवरों से इंसानों में फैलती है और बाढ़ के दौरान इसका खतरा बढ़ जाता है।
कासरगोड जिले को छोड़कर बारिश और बाढ़ से राज्य के अन्य सभी 13 जिले प्रभावित हुए हैं। राज्य में लगभग 20 लाख लोग बाढ़ के पानी के संपर्क में आए हैं जिसके कारण सरकार को इन लोगों से जरूरी उपचारात्मक कदम उठाने के लिए कहना पड़ा है।
क्या है रैट फीवर
रैट फीवर बेक्टीरिया से फैलने वाली बीमारी गंदी पानी और गंदी मिट्टी से फैलती है। यह बेक्टीरिया जानवरों से गंदे पानी और मिट्टी में फैलता है और फिर धीरे-धीरे लोगों में फैल जाता है। केरल में इस बीमारी की चपेट में आने वाले लोगों की खबरें बाढ़ के साथ ही आने शुरू हो गए थी। सरकार ने लोगों को जरूरी बचाव करने की सलाह दी है।
कैसे फैलती है रैट फीवर की बीमारी
डॉक्टरों के मुताबिक यह बीमारी जंगली और पालतु जानवरों से फैलती है। अगर किसी की स्किन दूषित पानी में डूबने या तैरने की वजह से बेक्टीरिया के संपर्क में आई तो उन्हें यह बीमारी हो सकती है। इस दौरान अगर शरीर में किसी तरह की चोट का कोई घाव है तो यह बेक्टीरिया जल्दी संपर्क में आता है। फीवर का बेक्टीरिया उस भीगी मिट्टी, घास या पौधों में जिंदा रहता है जिन पर इस बेक्टीरिया से ग्रसित जानवर ने पेशाब किया हो। यह बेक्टीरिया से दूषित खाना खाने, चीज चुभ जाने और पेय पदार्थ पीने से भी हो सकता है।
यह भी देखें- जानलेवा रहा इस साल का मॉनसून, 1400 लोगों की गई जान: गृह मंत्रालय
क्या है रैट फीवर के लक्षण
इसमें रोगी को तेज बुखार, सिरदर्द, शरीर में दर्द, पेट में दर्द और उल्टियां हो सकती हैं। कर्ई बार लोगों को सांस लेने में मुश्किल होती है। इसके अलावा सांस की नली से जुड़े भी कई रोग हो सकते हैं।
किन अंगों पर पड़ता है असर
रैट फीवर का असर किडनी, दिमाग और लीवर पर पड़ता है। इसके साथ ही इस बीमारी की वजह से लोगों को मेनिनजाइटिस जैसी जानलेवा बीमारी भी हो सकती है।
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