सरदार सरोवर बांध की वजह से परेशान हुए हजारों परिवार, जानें क्या है वजह
सरदार सरोवर को तय लक्ष्य अर्थात 138 मीटर तक भरता है तो इन तीनों जिलों के 192 गांवों और एक कस्बे के पूरी तरह डूबने की आशंका बनी हुई है
highlights
- सरदार सरोवर बांध के बढ़ते जलस्तर से परेशान है हजारों परिवार.
- बांध का जलस्तर 133. 5 मीटर को पार कर गया है.
- इसके चलते बांध का पानी अलिराजपुर, धार और बड़वानी के गांवों तक पहुंच रहा है.
भोपाल:
Madhya Pradesh News: नर्मदा नदी (Narmada River) पर गुजरात की सीमा (Border of Gujrat State) पर बने सरदार सरोवर बांध के लगातार बढ़ते जलस्तर ने हजारों परिवारों के जीवन को संकट में डाल दिया है. यहां खेत, मकान, दुकान धीरे-धीरे पानी के जद में आते जा रहे हैं. नर्मदा बचाओ आंदोलन ने इसके खिलाफ नर्मदा चुनौती सत्याग्रह शुरू कर दिया है. मध्य प्रदेश में लगातार बारिश का दौर जारी रहने से नर्मदा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. वहीं दूसरी ओर गुजरात सरकार द्वारा पानी की निकासी न किए जाने से बांध का जलस्तर 133. 5 मीटर को पार कर गया है. इसके चलते बांध का पानी अलिराजपुर, धार और बड़वानी के गांवों तक पहुंच रहा है.
नर्मदा बचाओ आंदोलन के राहुल यादव ने एक मीडिया एजेंसी को दी जानकारी दी कि सरदार सरोवर बांध का जलस्तर 133 मीटर से ऊपर जाने के कारण बड़वानी जिले के राजघाट, बीजासन, बहुती सहित कुल 23 गांवों, अलिराजपुर जिले के छोटी आंतनी, रोली गांव, कुकरिया, अंजावर सहित 26 गांवों और धार जिले में निसरपुर, चिकल्दा, पापरखेड़ा सहित 30 गांवों तक पानी पहुंचने लगा है. कई हिस्सों में तो लोगों को टापू पर जाकर शरण लेनी पड़ी है.
यह भी पढ़ें: Terror Funding Case में कांग्रेस ने बीजेपी पर साधा निशाना, दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर पूछा ये सवाव
उन्होंने आगे कहा कि अगर गुजरात सरदार सरोवर को तय लक्ष्य अर्थात 138 मीटर तक भरता है तो इन तीनों जिलों के 192 गांवों और एक कस्बे के पूरी तरह डूबने की आशंका बनी हुई है. सरकार ने इन गांवों के लोगों की पुनर्वास प्रक्रिया पूरी नहीं की है और उन्हें डूबाया जा रहा है.
बढ़ते जलस्तर के कारण हजारों परिवारों के सामने जिंदगी का संकट खड़ा हो गया है. इसके विरोध में सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर के नेतृत्व में रविवार से छोटा बड़दा में नर्मदा चुनौती आंदोलन शुरू हो गया है. मेधा पाटकर अन्य पांच लोगों के साथ अनिश्चित कालीन अनशन पर हैं और दूसरी ओर छह लोग क्रमिक अनशन कर रहे हैं.
ज्ञात हो कि इसी माह की शुरुआत में जब सरदार सरोवर बांध का जलस्तर 131. 5 मीटर किया गया था, तब 31 गांवों तक पानी पहुंच गया था. इसके विरोध में राजघाट पर आंदोलन हुआ और बाद में गुजरात ने सरदार सरोवर के गेट खोलकर पानी की निकासी की थी, जिससे गांवों में भरा पानी कम हो गया था.
यह भी पढ़ें: साध्वी प्रज्ञा के बयान से बीजेपी ने झाड़ा पल्ला, कहा ये साध्वी के निजी विचार
राहुल के अनुसार, गुजरात सरकार ने जलस्तर को 138़ 68 मीटर तक ले जाने का ऐलान किया है. अगर ऐसा होता है तो 192 गांवों के साथ ही धरमपुरी नगर डूब में आ जाएगा. वहीं बड़वानी, धार और अलिराजपुर में प्रशासन ने डूब प्रभावित परिवारों के लिए राहत शिविरों का इंतजाम किया है.
इस बीच, जन आंदोलनों के राष्ट्रीय समन्वय ने सोमवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखकर डूब प्रभावितों की स्थिति पर चिंता जताई और बांध का जलस्तर 122 मीटर किए जाने की मांग की है.
पत्र में कहा गया है, "नर्मदा घाटी के सरदार सरोवर के हजारों विस्थापित परिवार गांव-गांव में अमानवीय डूब का सामना कर रहे हैं. इस डूब का सामना करने के दौरान अब तक निमाड़ और आदिवासी क्षेत्र के तीन गरीब किसानों की मृत्यु हो चुकी है. जलाशय में 139 मीटर तक पानी भरने का विरोध आपकी सरकार द्वारा भी किया गया है, फिर भी गुजरात और केंद्र शासन से ही जुड़े नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण ने न विस्थापितों के पुनर्वास की, न ही पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति की परवाह की है, और न ही सत्य रिपोर्ट या शपथ पत्र पेश किए हैं.
यह भी पढ़ें: गौतम गंभीर ने दिल्ली के लिए इंदौर से मांगी मदद, जानें क्या है खास बात
पत्र में आगे कहा गया है कि हजारों परिवारों का सम्पूर्ण पुनर्वास भी मध्य प्रदेश में अधूरा है. पुनर्वास स्थलों पर सुविधाएं नहीं हैं. ऐसे में विस्थापित अपने मूल गांव में खेती, आजीविका डूबते देख संघर्ष कर रहे हैं. ऐसे में आज की मध्य प्रदेश सरकार लोगों का साथ नहीं छोड़ सकती. ऐसा हमारा विश्वास है.
ज्ञात हो कि मघ्यप्रदेश के मुख्य सचिव ने 27 मई, 2019 को पत्र लिखकर नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण को बताया था कि 76 गांवों में 6000 परिवार डूब क्षेत्र में निवासरत हैं. 8500 सामान्य अíजयां तथा 2952 खेती से संबंधित अर्जियां लंबित हैं.
लेकिन नर्मदा बचाओ आंदोलन इन आंकड़ों से सहमत नहीं है और उसका कहना है कि सिर्फ 6000 परिवार और 76 गांव ही नहीं, काफी अधिक मात्रा में (करीबन 32,000) परिवार डूब क्षेत्र में निवासरत हैं.
जन आंदोलनों के राष्ट्रीय समन्वय ने वर्तमान स्थिति का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री से कहा कि किसी भी हालत में सरदार सरोवर में 122 मीटर से ऊपर पानी नहीं रहे, यह मध्य प्रदेश को देखना होगा.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Maa Laxmi Shubh Sanket: अगर आपको मिलते हैं ये 6 संकेत तो समझें मां लक्ष्मी का होने वाला है आगमन
-
Premanand Ji Maharaj : प्रेमानंद जी महाराज के इन विचारों से जीवन में आएगा बदलाव, मिलेगी कामयाबी
-
Aaj Ka Panchang 29 April 2024: क्या है 29 अप्रैल 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल का समय
-
Arthik Weekly Rashifal: इस हफ्ते इन राशियों पर मां लक्ष्मी रहेंगी मेहरबान, खूब कमाएंगे पैसा