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Delhi Flood: CM केजरीवाल ने किया नाले का निरीक्षण, बोले- कम हो रहा यमुना का पानी

Delhi Flood: हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से बड़ा मात्रा में पानी में छोड़े जाने के बाद राजधानी दिल्ली में यमुना का जलस्तर अचानक बढ़ गया है...दिल्ली में चारों और पानी ही पानी नजर आ रहा है..ऐसे सरकार के लिए चिंता बनी हुई है

Updated on: 14 Jul 2023, 12:37 PM

New Delhi:

Delhi Flood: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंत्री आतिशी और सौरभ भारद्वाज के साथ विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की इमारत के पास क्षतिग्रस्त नाले का निरीक्षण किया. इस दौरान सीएम केजरीवाल ने कहा कि अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग कारण से पानी आ रहा है जैसे ITO पर यहां नाले के क्षतिग्रस्त होने की वजह से आया है, कहीं यमुना के कारण पानी आया है. अब राहत मिलनी शुरू हो जाएगी. धीरे-धीरे पानी नीचे जाने लगा है। अभी जलस्तर 208.38 तक आ गया है.

यमुना का भी जलस्तर 208.38 तक आ गया

दिल्ली में पानी की कटौती पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बाढ़ आने की वजह से यमुना का पानी पंप रूम, मशीन में  आ गया है. अगर हम प्लांट को चलाएंगे तो उनमें करंट आएगा. जब तक पानी का स्तर कम नहीं होगा और पानी के स्तर कम होने के 24 घंटे बाद भी हम मशीन नहीं चला सकते क्योंकि मशीनों को सुखाने में भी समय लगेगा. सीएम केजरीवाल ने आगे कहा कि अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग कारण से पानी आ रहा है जैसे ITO पर यहां नाले के क्षतिग्रस्त होने की वजह से आया है, कहीं यमुना के कारण पानी आया है. अब राहत मिलनी शुरू हो जाएगी. धीरे-धीरे पानी नीचे जाने लगा है. अभी जलस्तर 208.38 तक आ गया है.

सीएम केजरीवाल ने कही बड़ी बात

दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि जिस तरह से यहां काम हो रहा है, हम सफल होंगे. यमुना का बहाव बहुत तेज है. उसे रोकना जरूरी है. यह समय किसी को दोष देने या टिप्पणी करने का समय नहीं है. अभी हमें टीम वर्क करने की जरूरत है. मैं भी बहुत कुछ कह सकता हूं लेकिन अभी इसकी जरूरत नहीं है. केंद्रीय मंत्री मिनाक्षी लेखी ने कहा कि  दिल्ली ने उन लोगों को वोट दिया है जो दिल्ली की मदद के लिए आज तैयार नहीं हैं. हर समय जब विपदा आती है तब काम करने की जगह वे(AAP) बोलते हैं कि ये गृह मंत्रालय का काम है, ये LG ने  किया है, हरियाणा पानी छोड़ रहा है, पर काम नहीं करते. उनके बयान में पंजाब खो जाता है...कोरोना के समय में केंद्र ने उन्हें ऑक्सीजन दिया था लेकिन उनके पास ऑक्सीजन रखने के पर्याप्त साधन नहीं थे.