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केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ CM केजरीवाल को मिला येचुरी का समर्थन, जानें अभी तक किन नेताओं का मिला साथ

केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल विपक्षी दलों का समर्थन जुटाने में लगे हुए हैं.

Updated on: 30 May 2023, 07:01 PM

नई दिल्ली:

Centre Ordinance Protest: केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल विपक्षी दलों का समर्थन जुटाने में लगे हुए हैं. इसी कड़ी में आज वह  CPM नेता सीताराम येचुरी से मुलाकात की और अध्यादेश के खिलाफ उनका समर्थन मांगा. मुलाकात के दौरान आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह और राघव चड्ढा भी मौजूद रहे. सीपीएम महासचिव येचुरी ने केजरीवाल से पूरा समर्थन देने का वादा किया.  येचुरी से समर्थन मिलने के बाद केजरीवाल ने उनका आभार जताया. 

माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने केजरीवाल को खुलकर समर्थन देने की बात कही. उन्होंने बीजेपी और केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार संविधान के खिलाफ जाकर काम कर रह ही. हमें एकजुट होना पड़ेगा. येचुरी ने कहा कि राज्य सरकारों के अधिकारों पर लगातार हमले हो रहे हैं, हम राज्यसभा में इस अध्यादेश के खिलाफ वोट डालेंगे. मैं सभी पार्टियों से रिकेस्ट कर रहा हूँ की ये पार्टियों की नहीं संविधान की बात है.मेरी कांग्रेस से अपील है कि आप साथ आइए और हम सब मिलकर संविधान की रक्षा करते हैं 

इन नेताओं से मिल चुका है समर्थन

बता दें कि केजरीवाल केंद्र सरकार के अध्यादेश NCCSA के खिलाफ लगातार गैर बीजेपी पार्टियों के नेताओं को एकजुट करने की मुहिम चला रहे हैं. केजरीवाल चाहते हैं कि केंद्र संसद में इस बाबत विधेयक नहीं लाए. अभी तक वह कई विपक्षी दलों के प्रमुखों से मिलकर समर्थन भी प्राप्त कर चुके हैं केजरीवाल ने आगे कहा कि मुझे ममता बनर्जी, उद्धव ठाकरे, शरद पवार, तेलंगाना के सीएम KCR से समर्थन मिला है.

येचुरी से मुलाकात के बाद केजरीवाल का बड़ा बयान

आज माकपा महासचिव से समर्थन मांगने आए थे और येचुरी ने हमारा हाथ थामा है. सीपीएम नेता येचुरी से मुलाकात के बाद अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर केंद्र सरकार पर निशाना साधा. केजरीवाल ने ट्वीट किया दिल्ली में मोदी सरकार अपनी तानाशाही चला रही है, दिल्ली की जनता के हक छीन रही है. आज CPI(M) के वरिष्ठ नेता सीताराम येचुरी एवं पार्टी के अन्य नेताओं से मिलकर इस मुद्दे पर चर्चा की. सभी नेताओं का मानना है कि मोदी सरकार दिल्ली के लोगों के साथ अन्याय कर रही है. CPI(M) ने दिल्ली के लोगों के समर्थन में एक रैली भी निकाली थी, संसद में भी CPI(M) दिल्ली के लोगों का साथ देगी. मैं येचुरी साहब एवं अन्य सभी नेताओं का तहे दिल से शुक्रिया अदा करता हूं.'

क्या है पूरा मामला
दिल्ली का बॉस कौन होगा इसको लेकर केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच खींचतान जारी है. हालांकि,  सुप्रीम कोर्ट ने सार्वजनिक व्यवस्था, जमीन और पुलिस का अधिकार केंद्र को सौंपा था. वहीं, बाकी सभी नीतिगत फैसले लेने का अधिकार दिल्ली सरकार को दे दिया था.  11 मई को सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि अफसरों के ट्रांसफर, पोस्टिंग के अधिकार दिल्ली सरकार को दे दिया था. इसके बाद दिल्ली सरकार ने वरिष्ठ अधिकारियों के ट्रांसफर का एक आदेश जारी किया, लेकिन इसके खिलाफ केंद्र सरकार एक अध्यादेश ले आई है. अब केजरीवाल गैर बीजेपी दलों के प्रमुखों से मुलाकात कर राज्यसभा में इसके खिलाफ वोटिंग की मांग कर रहे हैं.