logo-image

इंसुलिन लेकर AAP कार्य​कर्ता तिहाड़ जेल पहुंचे, जमकर की नारेबाजी, आतिशी बोलीं- ये षड्यंत्र ​है 

AAP कार्यकर्ताओं ने तिहाड़ जेल के बाहर जमकर प्रदर्शन किया, आतिशी बोलीं- जेल प्रशासन भाजपा के कहने पर इंसुलिन रोककर बैठा हुआ है

Updated on: 21 Apr 2024, 03:02 PM

नई दिल्ली:

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को इंसुलिन न मुहैया कराने के विरोध के चलते तिहाड़ जेल के बाहर आप कार्यकर्ताओं ने बड़ा प्रदर्शन किया. यहां पर आप के कार्यकर्ता हाथ में इंसुलिन की शीशियों के साथ प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे. आम आदमी पार्टी की मंत्री आतिशी बोलीं, जेल प्रशासन इंसुलिन नहीं दे रहा है तो जनता ने इसे सीएम के लिए भिजवाया है. इंसुलिन की बोतल के साथ तिहाड़ जेल के गेट नंबर 4 के बाहर आप कार्यकताओं ने प्रदर्शन किया. आप मंत्री आतिशी ने कहा कि सीएम अरविंद केजरीवाल को 32 वर्ष से डायबिटीज की बीमारी है. जेल प्रशासन भाजपा के कहने पर इंसुलिन रोककर बैठा हुआ है. इसलिए  दिल्ली की जनता अपने सीएम के लिए इंसुलिन भेज रही है. आप मंत्री आतिशी ने कहा  कि उन्हें कई सालों से डायबिटीज है. दुनिया में एक भी डॉक्टर ऐसा बता दीजिए जो  कहेगा की 300 के शुगर लेवल पर इंसुलिन की जरूरत नहीं पड़ती है.

मल्टीपल ऑर्गन फेल हो सकते हैं

ये झूठ बोल रहे है. तिहाड़ जेल प्रशासन ने 20 अप्रैल यानी कल चिट्ठी लिखी है. AIIMS डायबिटीज का विशेषज्ञ डॉक्टर मुहैया कराए. यानी कोर्ट में झूठी रिपोर्ट दे रहे है. 300 पर शुगर लेवल बना रहा तो उससे मल्टीपल ऑर्गन फेल हो सकते हैं, इससे जान को खतरा है. आप मंत्री ने कहा कि इन सबके पीछे तिहाड़ प्रशासन और भाजपा है. यह भाजपा का  षड्यंत्र है. 

जेल प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी भी की

आप नेता और कार्यकर्ता हाथों में इंसुलिन की शीशी लिए तिहाड़ के बाहर पहुंचे. यहां पर आप नेता और कार्यकताओं ने जेल प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी भी की. उन्होंने अरविंद केजरीवाल को इंसुलिन दो के नारे लगाए. आप का आरोप है कि सीएम अरविंद केजरीवाल को जानबूझकर इंजेक्शन नहीं दिया जा रहा है. वहीं इस मामले को लेकर तिहाड़ जेल प्रशासन का कहना है कि सीएम ने महीनों पहले इंसुलिन लेना बंद कर दिया था. 

इतनी क्रूरता तो अंग्रेज भी नहीं करते थे

आतिशी ने कहा कि इतनी क्रूरता तो अंग्रेज भी नहीं करते थे, जो आज हो रही है. हमारी  मांग है कि अरविंद केजरीवाल को दवाई और इंसुलिन दी जाए. ये सिर्फ अरविंद केजरीवाल  का अधिकार नहीं बल्कि आम जनता का भी है. अगर किसी की तबीयत खराब है तो उसे डॉक्टर और दवाएं मिलनी चाहिए. यह किस तरह की क्रूरता है कि एक शुगर के मरीज को 
इंसुलिन नहीं दी जा रही है.