सासाराम में अमित शाह की रैली टालने के लिए बिगड़ने दिये गए हालात: सुशील मोदी
बीजेपी ने अमित शाह की रैली सासाराम में टलने को लेकर सूबे की नीतीश सरकार पर करारा हमला बोला है.
highlights
- सुशील मोदी ने सीएम नीतीश पर बोला हमला
- सासाराम में उपद्रव व हिंसा जानबूझकर नहीं रोका गया
- अमित शाह की रैली रोकने के लिए नहीं रोका गया उपद्रव
- डीएम-एसपी पर लापरवाही बरतने का लगाया आरोप
- प्रशासन पर राम भक्तों को प्रताड़ित करने का लगाया आरोप
Sasaram:
बिहार दौरे पर आए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की सासाराम में रैली होनी थी लेकिन उपद्रव और हिंसा की वजह से रैली नहीं हो सकी. अब बीजेपी ने अमित शाह की रैली सासाराम में टलने को लेकर सूबे की नीतीश सरकार पर करारा हमला बोला है. बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम व बीजेपी से राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने कहा कि सासाराम में अमित शाह की रैली टालने के लिए ही हालात बिगड़ने दिये गए. सख्ती से उपद्रवी तत्वों की एहतियातन गिरफ्तारी नही की गई और रामनवमी शोभायात्राओं पर हमले सरकार नहीं रोक पाई. जिले की खूफिया तंत्र पूरी तरह नाकाम रहा और डीएम एसपी खुद ने निगरानी नहीं की. उन्होंने कहा कि आगजनी-पथराव के बाद असामाजिक तत्वों की जगह पीड़ित राम-भक्तों की ही धर-पकड़ प्रशासन द्वारा की गई और उन्हें प्रताड़ित किया गया.
खास समुदाय पर दिखाई नरमी
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि एक खास समुदाय के आपराधिक तत्वों के प्रति नरमी के कारण नीतीश सरकार बिहारशरीफ और सासाराम में रामनवमी शोभायात्राओं पर हमले नहीं रोक पायी, बल्कि आगजनी-पथराव की घटनाओं के बाद राम-भक्तों की ही धर-पकड़ हो रही है. उन्होंने कहा कि अति संवेदनशील सासाराम में तो जानबूझ कर उपद्रवी तत्वों को छूट दी गई, ताकि वहाँ अशांति हो और गृह मंत्री अमित शाह की रैली न हो सके. उन्होंने कहा कि महागठबंधन सरकार नहीं चाहती थी कि भाजपा सासाराम में सम्राट अशोक की जयंती मनाये.
ये भी पढ़ें-बिहार के नवादा पहुंचे Amit Shah, मंच से CM नीतीश पर साधा निशाना
नीतीश सरकार पर लगाया गंभीर आरोप
सुशील मोदी ने कहा कि सासाराम में जिन तत्वों ने सम्राट अशोक के शिलालेख जैसे पुरातात्त्विक स्थल पर कब्जा कर उसे एक धर्म-विशेष की पहचान से जोड़ने की कोशिश की थी, वे अतिक्रमण हटाने में केंद्र सरकार की पहल से नाराज थे और बदला लेने के लिए मौके के इंतजार में थे.
डीएम-एसपी ने बरती लापरवाही
सुशील मोदी ने आगे कहा कि यदि स्थानीय प्रशासन का खुफिया तंत्र कारगर होता और उपद्रवी तत्वों की एहतियातन गिरफ्तारी होती, तो रामनवमी शांतिपूर्ण सम्पन्न होती. कहा कि बिहारशरीफ और सासाराम के ये वही स्थान हैं, जहां पहले भी रामनवमी की शोभायात्राओं पर पत्थरबाजी हुई थी. इसके बावजूद वहाँ के एसपी-डीएम ने स्वयं निगरानी नहीं की और पुलिस बल की तैनाती भी सांकेतिक थी. कहीं-कहीं तो केवल होम गार्ड तैनात कर खानापूरी की गई थी. उन्होंने कहा कि रामनवमी पर रामभक्तों को सुरक्षा देने में सरकार तो पूरी तरह विफल रही, लेकिन अब लोगों को शांति और संयम से काम लेना चाहिए.
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