सुशील मोदी का दावा-विपक्ष के 'सबसे कमजोर नेता' नीतीश को नहीं मिलेगा नवीन पटनायक का साथ'
सुशील मोदी ने कहा कि अपने बल पर लगातार मुख्यमंत्री रहे नवीन पटनायक न कभी विपक्षी एकता की मुहिम में शामिल हुए, न कभी उन्होंने राष्ट्रीय महत्वांकाक्षा के लिए उड़ीसा के प्रति अपना समर्पण कम किया. उनसे नीतीश कुमार के मिलने-जुलने का कोई असर नहीं होगा.
highlights
- विपक्षी एकजुटता को लेकर सुशील मोदी ने नीतीश पर बोला हमला
- ममता बनर्जी पर भी सुशील मोदी ने कसा तंज
- बोले-नीतीश से मुलाकात नहीं करेंगे नवीन पटनायक
- ओड़िसा दौरे पर जाने वाले हैं सीएम नीतीश
- विपक्षी एकजुटता का लगातार प्रयास कर रहे हैं नीतीश कुमार
Patna:
विपक्षी एकजुटता को लेकर बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम व बीजेपी राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने एक बार फिर से सीएम नीतीश पर करारा हमला बोला है. सुशील मोदी ने कहा् का विपक्ष का नेता बनने की होड़ में सबसे कमजोर नेता नीतीश कुमार ही हैं. वहीं, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी भाजपा-कांग्रेस से समान दूरी वाले पटनायक को नहीं ममता बनर्जी नहीं पटा सकीं. सुशील मोदी ने सीएम नीतीश पर तंज कसते हुए कहा कि उड़ीसा यात्रा के लिए सरकारी संसाधनों का उपयोग सीएम नीतीश कुमार ना करें. साथ ही उन्होंने सीएम नीतीश से सवालिया लहजे में पूछा है कि वे कर्नाटक में कांग्रेस, जेडीएस को क्यों नहीं एक साथ ला पाये ?
ममता पहले ही मिल चुकी हैं
सुशील मोदी ने कहा कि अपने बल पर लगातार मुख्यमंत्री रहे नवीन पटनायक न कभी विपक्षी एकता की मुहिम में शामिल हुए, न कभी उन्होंने राष्ट्रीय महत्वांकाक्षा के लिए उड़ीसा के प्रति अपना समर्पण कम किया. उनसे नीतीश कुमार के मिलने-जुलने का कोई असर नहीं होगा. उन्होंने आगे कहा कि भाजपा और कांग्रेस से समान दूरी रखने वाले नवीन पटनायक को भाजपा-विरोधी मुहिम में शामिल करने के शरद पवार और ममता बनर्जी के प्रयास जब सफल नहीं हुए, तब नीतीश कुमार भी कोशिश कर के देख लें. ममता बनर्जी पहले ही पटनायक से मिल चुकी हैं.
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विपक्ष के सबसे कमजोर नेता नीतीश कुमार
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजनीति में विपक्ष का नेता बनने के लिए शरद पवार, ममता बनर्जी और नीतीश कुमार में होड़ लगी है, जबकि अपने गृह-राज्य में सबसे कमजोर जनाधार नीतीश कुमार का है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री यदि विपक्षी एकता के गैर-सरकारी कार्य से यात्रा कर रहे हैं, तो उन्हें बिहार सरकार के संसाधनों का नहीं, बल्कि महागठबंधन के फंड से विमान आदि की व्यवस्था करनी चाहिए.
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विपक्षी एकता पर सुशील मोदी ने उठाए सवाल
उन्होंने कहा कि इस समय कर्नाटक में विधान सभा चुनाव हो रहा है , लेकिन नीतीश कुमार दो विपक्षी दलों, कांग्रेस और जनता दल -एस में एकता क्यों नहीं करा पाए? जदयू अध्यक्ष ललन सिंह के पूर्व पीएम देवेगौड़ा से मिलने का क्या कोई असर हुआ? सुशील मोदी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में टीएमसी और कांग्रेस को नीतीश कुमार साथ आने को राजी नहीं कर पाये. वे यूपी में अखिलेख यादव और मायावती में भी दोस्ती नहीं करा पाये. उन्होंने कहा कि यूपी में निकाय चुनाव चल रहे हैं और वहाँ भी विपक्षी एकता कहीं जमीन पर नहीं दिखती.
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