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बिहार में दारोगा की हत्या, लोकसभा में पास हुए आपराधिक कानून से जुड़े तीन बिल

बिहार में पुलिस प्रशासन पर सवाल खड़े होते नजर आ रहे हैं. अपराधी इतने बेखौफ हो चुके हैं कि वह पुलिस की भी हत्या करने से नहीं घबरा रहे.

Updated on: 20 Dec 2023, 07:13 PM

highlights

  • बिहार में अपराधी बेखौफ
  • लोकसभा में पास हुए 3 कानून बिल
  • राजद्रोह को खत्म कर लाया गया देशद्रोह

Patna:

बिहार में पुलिस प्रशासन पर सवाल खड़े होते नजर आ रहे हैं. अपराधी इतने बेखौफ हो चुके हैं कि वह पुलिस की भी हत्या करने से नहीं घबरा रहे. जिस राज्य में पुलिस ही सुरक्षित नहीं है, वहां आम इंसान खुद को कैसे महफूज समझे. आपको बता दें कि बेगूसराय में गुप्त सूचना के आधार पर शराब और शराब माफियाओं पर पुलिस शिकंजा कसने के लिए गई थी, जिस पर माफियाओं ने हमला बोल दिया. इस हमले में एक दरोगा को मौत के घाट उतार दिया तो वहीं एक होमगार्ड बुरी तरह से घायल हो गया. यह मामला नावकोठी थाना क्षेत्र के छतौना पुल की है. बिहार में बीते कुछ अपराधिक मामलों से ऐसा लगता है कि जैसे शराब माफियाओं, बालू माफियाओं के अंदर से तो पुलिस प्रशासन का डर ही खत्म हो चुका है. 

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वहीं, देश में अपराधिक घटनाओं पर रोक लगाने के लिए लोकसभा में बुधवार को आपराधिक कानूनों से जुड़े तीन बिल पास किए गए. पहले इन बिलों पर चर्चा हुई और फिर इसे पास कर दिया गया. तीनों बिल को पास कर लोकसभा से राज्यसभा में भेजा गया है. दोनों सदनों में यह विधेयक पास होने के बाद इसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा. आपको बता दें कि ये तीन नए विधेयक में आतंकवाद, महिला विरोधी अपराध, देशद्रोह और मॉब लिंचिंग शामिल है. 

महिला विरोधी अपराध

इस बिल में 18 साल से कम उम्र की लड़की के साथ दुष्कर्म के मामले में आजीवन कारावास व फांसी की सजा तय की गई है. वहीं, 18 साल से ज्यादा की लड़की के साथ रेप या गैंगरेप के मामलों में आजीवन कारावास या 20 साल की सजा का प्रावधान किया गया है. साथ ही अब पीड़िता का बयान उसके आवास पर ही महिला पुलिस अधिकारी के सामने दर्ज किया जाएगा. यौन हिंसा के मामलों में बयान महिला न्यायिक मजिस्ट्रेट ही रिकॉर्ड करेगी. बयान रिकॉर्ड करते समय पीड़िता के साथ उसके माता-पिता या अभिभावक भी मौजूद रह सकते हैं.

राजद्रोह को खत्म कर लाया गया देशद्रोह

सरकार ने राजद्रोह कानून की धारा 124 को खत्म करते हुए इसे मोदी सरकार का ऐतिहासिक फैसला बताया. इसे बदलकर अब देशद्रोह कानून कर दिया गया है. साथ ही गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि लोकतांत्रिक देश में सरकार की आलोचना कोई भी कर सकता है, लेकिन कोई भी देश की सुरक्षा और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का काम करेगी तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. देश का विरोध करने वाले को जेल जाना पड़ेगा. इसके साथ ही मृत्युदंड की सजा को आजीवन कारावास में बदलने का प्रावधान किया गया है.

आतंकवाद को लेकर कानून

भारतीय न्याय संहिता में आतंकवाद को दंडनीय अपराध बताया गया है और कोई भी इसकी कानून में कमी का फायदा नहीं उठा सकता. आतंकवाद को लेकर सरकार जीरो टॉलरेंस रखेंगे. पहले देश के कानून में आतंकवाद को रोकने की लिए कोई धारा नहीं थी, इसे मानवाधिकार बताकर इसका विरोध करते थे जबकि यह मानवाधिकार के खिलाफ है. इसी के साथ आतंकवाद की व्याख्या की गई, लेकिन अब कहा गया है कि जो भी देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा को खतरे में डालेगा और भय फैलाने का काम करेगा, उसे आतंकवादी माना जाएगा.

मॉब लिचिंग पर कानून सख्त

वहीं, पास किए गए विधेयक में नस्ल, जाति और समुदाय के आधार पर की गई हत्या के लिए भी नया प्रावधान पेश किया गया है. मॉब लिचिंग की घटनाओं पर भी आजीवन कारावास से लेकर मौत की सजा का प्रावधान किया गया है.