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समस्तीपुर में दिलचस्प मुकाबला, बिहार के दो कद्दावर नेताओं के बेटे-बेटी आमने-सामने

बिहार की समस्तीपुर लोकसभा सीट पर चौथे चरण के चुनाव 13 मई को होने वाले हैं. इस चुनाव में सबसे दिलचस्प बात यह है कि दोनों मंत्रियों के बच्चे एक ही पार्टी, जेडीयू, से हैं, लेकिन वे अलग-अलग पार्टियों से चुनाव लड़ रहे हैं.

Updated on: 23 Apr 2024, 01:44 PM

highlights

  • समस्तीपुर में दिलचस्प मुकाबला
  • बिहार के दो कद्दावर नेताओं के बेटा-बेटी आमने-सामने
  • अशोक चौधरी की बेटी शांभवी और महेश्वर हजारी के बेटे सन्नी होंगे आमने-सामने

Patna:

Bihar Lok Sabha Elections 2024: बिहार की समस्तीपुर लोकसभा सीट पर चौथे चरण के चुनाव 13 मई को होने वाले हैं. यहां पर एक रोचक मुकाबला देखने को मिलेगा, जहां दो मंत्रियों के बेटे-बेटी आमने-सामने हैं. इस चुनाव में सबसे दिलचस्प बात यह है कि दोनों मंत्रियों के बच्चे एक ही पार्टी, जेडीयू, से हैं, लेकिन वे अलग-अलग पार्टियों से चुनाव लड़ रहे हैं. शांभवी चौधरी, जो कि एलजेपीआर के प्रतिष्ठित मंत्री अशोक चौधरी की बेटी हैं, वर्तमान में लोकसभा चुनावों में एलजेपीआर की ओर से उम्मीदवार बनी हैं. वह बिहार की राजनीति में अपने पिता के परंपरागत मान-सम्मान को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रही हैं. उनके खिलाफ, इंडिया गठबंधन ने महेश्वर हजारी के बेटे सन्नी हजारी को उम्मीदवार बनाया है. सन्नी हजारी एक युवा नेता हैं और वे कांग्रेस पार्टी के रंग में आए हुए हैं.

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इस चुनाव में एक और रोचक तथ्य यह है कि समस्तीपुर लोकसभा सीट आरक्षित है. चिराग पासवान की बड़ी धमाकेदार घोषणा रही है कि उन्होंने सीएम नीतीश कुमार के मंत्री अशोक चौधरी की बेटी शांभवी को उम्मीदवार बनाया है. यह साफ़ रूप से एक राजनीतिक चाल है, जिसमें एक ही पार्टी के नेता का परिवार अलग-अलग पार्टियों में उम्मीदवार बनाकर राजनीतिक मुकाबला बढ़ा रहा है.

इसके अलावा शांभवी और सन्नी के बीच होने वाला चुनाव राजनीतिक रंग-बिरंगा होने की संभावना है. यहां पर दो युवा नेताओं का मुकाबला होगा, जो अपनी पारंपरिक राजनीतिक परिवारों के बावजूद अलग राजनीतिक मार्ग चुन रहे हैं. इस चुनाव में राजनीतिक गतिशीलता को बढ़ावा मिलेगा, जिससे लोकतंत्र की मजबूती का संकेत मिलेगा.

आपको बता दें कि महेश्वर हजारी नीतीश कैबिनेट में सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री हैं. बता दें कि सनी हजारी समस्तीपुर के खानपुर प्रखंड के प्रमुख भी हैं. जाहिर है दोनों उम्मीदवारों के मैदान में आने से जेडीयू में हलचल तेज हो गई है. वहीं मुकाबला भी दिलचस्प हो गया है. हालांकि देखना यह है कि समस्तीपुर की जनता किसे जीत का ताज पहनाती है.

13 मई को होना है चुनाव 

इसके साथ ही समस्तीपुर और उजियारपुर लोकसभा के लिए 13 मई को चुनाव होना है और नामांकन की प्रक्रिया 18 अप्रैल से शुरू हो गई है. वहीं 19 अप्रैल को समस्तीपुर से एनडीए गठबंधन की एलजेपी (रामविलास) प्रत्याशी शांभवी चौधरी और उजियारपुर से राजद प्रत्याशी आलोक कुमार मेहता ने नामांकन दाखिल किया.

जानें अनुसूचित जाति के लिए कौन सी सीट है आरक्षित

आपको बता दें कि 40 लोकसभा क्षेत्रों में से एक समस्तीपुर अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट है. इसमें दरभंगा जिले की चार कल्याणपुर, वारिसनगर, समस्तीपुर, रोसरा और दो कुशेश्वर सीट और समस्तीपुर जिले की हायाघाट विधानसभा सीट शामिल है. जबकि समस्तीपुर पहले सामान्य सीट थी, 2009 में नए परिसीमन के बाद इसे अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित कर दिया गया.

समस्तीपुर लोकसभा क्षेत्र से अब तक के सांसद : -

  • 1952: सत्य नारायण सिन्हा, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (समस्तीपुर पूर्व के रूप में)
  • 1957: सत्य नारायण सिन्हा, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
  • 1962: सत्य नारायण सिन्हा, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
  • 1962: यमुना प्रसाद मंडल, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (जयनगर से)
  • 1967: यमुना प्रसाद मंडल, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
  • 1971: यमुना प्रसाद मंडल, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
  • 1977: कर्पूरी ठाकुर, जनता पार्टी
  • 1978: उपचुनाव: अजीत कुमार मेहता , जनता पार्टी
  • 1980: अजीत कुमार मेहता, जनता पार्टी (एस)
  • 1984: रामदेव राय, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
  • 1989: मंजय लाल कुशवाहा, जनता दल
  • 1991: मंजय लाल, जनता दल
  • 1996: अजीत कुमार मेहता, जनता दल
  • 1998: अजीत कुमार मेहता, राष्ट्रीय जनता दल
  • 1999: संजय लाल, जनता दल (यूनाइटेड)
  • 2004: आलोक कुमार मेहता, राष्ट्रीय जनता दल
  • 2009: महेश्वर हजारी, जनता दल (यूनाइटेड)
  • 2014: रामचंद्र पासवान, लोक जनशक्ति पार्टी
  • 2019: रामचंद्र पासवान, लोक जनशक्ति पार्टी
  • 2019: राम चंद्र पासवान के निधन के बाद उप चुनाव में उनके बेटे प्रिंस राज (लोजपा) ने जीत हासिल की.