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लोकसभा चुनाव

अररिया सीट पर दिलचस्प मुकाबला, प्रदीप और शाहनवाज के बीच आए शत्रुघ्न

एक तरफ बिहार में लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी बयानबाजी तेज है तो वहीं दूसरी तरफ बिहार की अररिया लोकसभा सीट पर क्या बीजेपी एक बार फिर जीत हासिल करेगी या फिर राजद उम्मीदवार अपनी विरासत बचा पाएंगे, अब इसका फैसला तो वोटों की गिनती के बाद ही होगा.

Updated on: 04 May 2024, 04:04 PM

highlights

  • अररिया सीट पर दिलचस्प मुकाबला
  • प्रदीप और शाहनवाज के बीच आए शत्रुघ्न
  • अररिया में अब ट्रायंगुलर फाइट का ट्विस्ट

 

Patna:

Bihar Lok Sabha Elections 2024: एक तरफ बिहार में लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी बयानबाजी तेज है तो वहीं दूसरी तरफ बिहार की अररिया लोकसभा सीट पर क्या बीजेपी एक बार फिर जीत हासिल करेगी या फिर राजद उम्मीदवार अपनी विरासत बचा पाएंगे, अब इसका फैसला तो वोटों की गिनती के बाद ही होगा, लेकिन अब यहां के चुनावी माहौल में एक नया मोड़ आ गया है. दरअसल, राजद के बागी और निर्दलीय प्रत्याशी डॉ. शत्रुघ्न सुमन भी अपनी मजबूत दावेदारी जता रहे हैं. वह सिकटी विधानसभा के पूर्व विधायक मुरलीधर मंडल के बेटे हैं. शत्रुघ्न सुमन के पिता मुरलीधर मंडल दो बार सिकटी के विधायक रह चुके हैं. बता दें कि शत्रुघ्न न सिर्फ सिकटी विधानसभा से दो बार चुनाव लड़ चुके हैं बल्कि दूसरे स्थान पर रहकर अच्छी खासी वोट भी हासिल की है, इसके साथ ही शत्रुघ्न सुमन अपनी पिछड़ी जाति पर भी अच्छी पकड़ रखते हैं.

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बागी उम्मीदवार के रूप दिखेंगे चुनावी मैदान में 

आपको बता दें कि 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में उन्हें जेडीयू उम्मीदवार के रूप में 68 हजार से अधिक वोट मिले थे और 2020 के विधानसभा चुनाव में उन्हें राजद उम्मीदवार के रूप में 70 हजार से अधिक वोट मिले थे. इस बार उन्होंने पहले ही राजद से लोकसभा के लिए अपनी दावेदारी पेश कर दी थी, लेकिन टिकट नहीं मिलने के बाद शत्रुघ्न सुमन अब बागी उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में हैं.

वहीं अति पिछड़ी जाति से आने वाले शत्रुघ्न सुमन केवर्त जाति से आते हैं और अति पिछड़ी जाति पर उनकी पकड़ भी है, बीजेपी अति पिछड़ी जाति के वोट बैंक को अपना पारंपरिक वोट बैंक मानती रही है. बता दें कि अररिया में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और वीआईपी के मुकेश सहनी इसी अति पिछड़ा वोट बैंक को साधने की कोशिश में हैं.

इसके साथ ही आपको बता दें कि अररिया में तीसरे चरण के लिए 7 मई को मतदान होना है, इसलिए सभी प्रत्याशी लगातार चुनाव मैदान में प्रचार कर रहे हैं. इस सीट पर बीजेपी और राजद के बीच सीधी टक्कर जरूर है, लेकिन अगर निर्दलीय प्रत्याशी शत्रुघ्न सुमन पिछड़ी जाति के वोटों पर अच्छी तरह से कब्जा जमाने में कामयाब हो गये तो बीजेपी और राजद प्रत्याशियों की जीत और हार की कहानी जरूर लिखी जायेगी.