औरंगाबाद: सिपाही की नौकरी लगते ही पत्नी को छोड़ा, अब न्याय की गुहार लगा रही विवाहिता
बिहार के औरंगाबाद से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है, जहां एक युवक की किस्मत शादी के बाद पत्नी के ससुराल आते ही चमक गई. उसकी पुलिस में नौकरी लग गई. पति की नौकरी लगने के बाद तीन साल तक सब कुछ ठीक रहा, इस दौरान एक बेटी भी पैदा हुई.
highlights
- औरंगाबाद में युवक की बदमाशी
- सिपाही की नौकरी लगते ही पत्नी को छोड़ा
- अब विवाहिता लगा रही न्याय की गुहार
Aurangabad :
बिहार के औरंगाबाद से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है, जहां एक युवक की किस्मत शादी के बाद पत्नी के ससुराल आते ही चमक गई. उसकी पुलिस में नौकरी लग गई. पति की नौकरी लगने के बाद तीन साल तक सब कुछ ठीक रहा, इस दौरान एक बेटी भी पैदा हुई, जो अब छह साल की हो गयी है. वहीं नौकरी मिलते ही युवक और उसके परिवार का स्वभाव बदल गया और विवाहिता से दहेज की मांग होने लगी, जिसके चलते महिला को प्रताड़ित भी किया जाता था. इसी बीच उसे जहर देकर मारने की कोशिश की गई लेकिन विवाहिता बच गई. अब ये मामला कोर्ट में चल रहा है और विवाहिता न्याय पाने के लिए पुरजोर कोशिश कर रही हैं.
जानें पूरा मामला
आपको बता दें कि यह मामला भागलपुर के तातारपुर थाने के कंपनी बाग का है, जो औरंगाबाद से जुड़ा हुआ है क्योंकि विवाहिता का पति औरंगाबाद के पुलिस अधीक्षक के आवास पर कार्यरत है. इस मामले को लेकर न्याय की गुहार लगाने औरंगाबाद पुलिस कप्तान स्वप्न गौतम मेश्राम के पास पहुंची पीड़िता चंद्रकला देवी ने रोते हुए बताया कि उसका मायका भागलपुर के नाथनगर थाना क्षेत्र के पुरानी सराय में है. वह राधारमण मंडल की बेटी हैं. उसकी शादी 20 मई 2013 को कंपनी बाग, तातारपुर थाना, भागलपुर निवासी दिनेश मंडल के पुत्र गोपाल मंडल से हुई थी.
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वहीं शादी के तीन साल बाद 2016 में उन्हें बिहार पुलिस में सिपाही की नौकरी मिल गई. नौकरी मिलने के बाद उसके पति और पूरे परिवार का रवैया बदल गया और दहेज की मांग को लेकर ससुराल वालों द्वारा उसे प्रताड़ित किया जाने लगा. दहेज की मांग पूरी न होने पर 21 अप्रैल 2019 को उसे जहर देकर मारने की कोशिश की गई, लेकिन वह बच गई. इसके बाद उसने तातारपुर थाने में आईपीसी की धारा 323, 328, 498ए, 34 और 3/4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज करायी. इस मामले में पति ने जमानत के लिए पटना हाई कोर्ट में दायर अर्जी में कहा कि वह अपनी पत्नी को सम्मानपूर्वक अपने साथ रखेगा. वहीं इस आधार पर हाई कोर्ट ने उसे दो माह की औपबंधिक जमानत देते हुए पत्नी को साथ रखने का निर्देश दिया.
इसके साथ ही आपको बता दें कि, 16 अगस्त 2022 को पति ने कोर्ट में झूठ बोला था कि वह पत्नी को घर ले जा रहा था लेकिन घर ले जाने के बजाय उसने उसे कोर्ट में ही छोड़ दिया. इस बारे में उन्होंने बताया कि उनकी एक छह साल की बेटी है, जिसका भरण-पोषण करने में वह सक्षम नहीं हैं और उनके पति न तो मुझे और न ही मेरी बेटी को अपने साथ रखते हैं. न तो किसी तरह का खर्च देता है और न ही न्यायालय का आदेश मानता है. इसी वजह से उसने एसपी को आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है.
इस मामले को लेकर एसपी स्वपना गौतम मेश्राम ने बताया कि, ''महिला ने आवेदन दिया है और शिकायत की जांच की जिम्मेदारी पुलिस लाइन के मेजर को दी गई है. जांच रिपोर्ट के आलोक में आगे की कार्रवाई की जायेगी. वहीं मामले में पीड़िता के पति गोपाल मंडल ने कहा कि मामला कोर्ट में है, कोर्ट से जो भी आदेश आएगा उसका पालन करेंगे.''
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