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तमिलनाडु: जल्लीकट्टू के समर्थकों की गिरफ्तारी के खिलाफ प्रदर्शन, रिहाई की मांग

तमिलनाडु में जल्लीकट्टू के समर्थन में प्रदर्शन करने वालों की गिरफ्तारियों के खिलाफ मंगलवार को सैकड़ों लोग सड़कों पर उतर आए।

Updated on: 17 Jan 2017, 03:40 PM

नई दिल्ली:

तमिलनाडु में जल्लीकट्टू के समर्थन में प्रदर्शन करने वालों की गिरफ्तारियों के खिलाफ मंगलवार को सैकड़ों लोग सड़कों पर उतर आए। जल्लीकट्टू पर सर्वोच्च न्यायालय के प्रतिबंध के खिलाफ सोमवार को मदुरै जिले के अलांगनाल्लुर में हजारों युवकों ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शन रातभर जारी रहा, जिस दौरान पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।

पुलिस ने जल्लीकट्टू का आयोजन करने के लिए मशहूर इस कस्बे में एकत्र हुए प्रदर्शनकारियों को नजदीकी विवाह सभागारों में नजरबंद कर दिया।

इन गिरफ्तारियों से गुस्साए ग्रामीण अलंगनाल्लुरमें सड़कों पर उतर आए।

द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के कार्यकारी अध्यक्ष और तमिलनाडु विधानसभा में विपक्ष के नेता एम.के. स्टालिन ने गिरफ्तारियों की निंदा की है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस दौरान प्रदर्शनकारियों को पानी और खाना भी नहीं देने दिया गया।

स्टालिन ने राज्य में ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के शासन को 'क्रूर' और पुलिस कार्रवाई को 'अमानवीय' करार दिया।

स्टालिन ने हिरासत में लिए गए लोगों की तत्काल रिहाई की मांग की।

सर्वोच्च न्यायालय ने तमिलनाडु में जल्लीकट्टू के आयोजन पर मई 2014 में रोक लगा दी थी।

शीर्ष न्यायालय ने अपने आदेश में यह भी कहा था कि बैल को जल्लीकट्टू में प्रदर्शन करने वाले जानवर के रूप में या तमिलनाडु, महाराष्ट्र या देश में कहीं भी बैलगाड़ी दौड़ में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।

प्रतिबंध के बाद से ही लोग केंद्र सरकार से जल्लीकट्टू के आयोजन के लिए जरूरी कानूनी कदम उठाने की मांग कर रहे हैं।