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जल्लीकट्टू पर तमिलनाडु जारी विरोध परपन्नीरसेल्वम ने की मोदी से मुलाकात, SC ने किया सुनवाई से इनकार

tamilnadu CM panneerselvam met PM over Jallikattu over statewide protest

Updated on: 19 Jan 2017, 12:48 PM

नई दिल्ली:

बैलों की लड़ाई के खेल जल्लीकट्टू पर लगे बैन को हटाने की मांग को लेकर तमिलनाडु में हो रहें राज्यव्यापी आंदोलन के संबंध में मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। पन्नीरसेल्वम ने जल्लीकट्टू को मनाने के लिए तत्कालीन प्रभाव से अध्यादेश लाने की मांग के संबंध में पीएम मोदी से मुलाकात की। उन्होंने प्रधानमंत्री को हालात की जानकारी दी और केंद्र सरकार से इस पर जरूरी कदम उठाने की मांग की।

पीएम मोदी से जल्लीकट्टू से बैन हटाने और केंद्र के अध्यादेश लाने की मांग के जवाब में पन्नीरसेल्वम ने कहा, 'जल्लीकट्टू के सांस्कृतिक महत्व की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह मामला वर्तमान में न्यायाधीन है। राज्य सरकार द्वारा उठाए जाने वालों कदमों में केंद्र पूरी तरह से समर्थन और सहायता देने का आश्वासन दिया। '

गौरतलब है साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने जल्लीकट्टू पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद पिछले साल केंद्र सरकार ने अध्यादेश जारी कर इस पारंपरिक खेल को इजाजत दे दी थी लेकिन सरकार के इस अध्यादेश को फिर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई।

वहीं सोमवार से जल्लीकट्टू के समर्थन में मरीना बीच पर जारी प्रदर्शन के मामले में दाख‍िल याचि‍का पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इंकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से संबंधित हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल करने को कहा।

याचिकाकर्ता के वकील वकील राजारमन ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि जलीकट्टू को लेकर वहां पर शांतिपूर्ण तरीके से प्रदशर्न चल रहा है लेकिन पुलिस लोगों के साथ ज्यादती कर रही है। वो खाने पीने की चीजों को भी लोगो तक नहीं पहुंचने दे रही।  इसलिए सुप्रीम कोर्ट रामलीला मैदान की तरह इस मामले में संज्ञान ले।

बता दें कि हजारों की संख्या में जल्लीकट्टू के समर्थन में लोग मरीना बीच पर इकठ्ठा हुए। इसके अलावा दिल्ली में भी तमिलनाडु हाउस के बाहर जल्लीकट्टू समर्थकों ने इस त्यौहार को इजाजत देने की मांग की।