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महाराष्ट्र निकाय चुनाव: पुणे में कैसे बीजेपी ने खत्म की एनसीपी की 10 साल की हुकूमत

बीजेपी ने पुणे के इस राजनीतिक समीकरण में ऐसे ही बदलाव नहीं किया। निकाय चुनाव से महीनों पहले बीजेपी ने अपना ध्यान पीएमसी और पीसीएमसी पर देना शुरू कर दिया था।

Updated on: 24 Feb 2017, 09:43 AM

नई दिल्ली:

बीजेपी ने गुरुवार को पुणे नगर निकाय (पीएमसी) में शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के 10 साल की हुकूमत को खत्म कर दिया। पुणे से सटे पिंपरी चिंचवाड म्यूनिस्पल कॉरपोरेशन (पीसीएमसी) में भी यही हाल रहा

बीजेपी ने पीएमसी के 162 सीटों में से 98 पर जीत हासिल की। यह बहुमत के बेहद करीब है। वहीं, पीसीएमसी में बीजेपी ने 77 सीटों पर कब्जा किया। 2012 में बीजेपी ने पीएमसी में 26 सीटें जीती थी जबकि पीसीएमसी में पार्टी को केवल तीन सीटों से संतोष करना पड़ा था।

बीजेपी ने पुणे के इस राजनीतिक समीकरण में ऐसे ही बदलाव नहीं किया। निकाय चुनाव से महीनों पहले बीजेपी ने अपना ध्यान पीएमसी और पीसीएमसी पर देना शुरू कर दिया था। पूरे अभियान का नेतृत्व देवेंद्र फड़णवीस ने किया और बीजेपी के कई सीनियर नेताओं ने इसके लिए कोशिशें कीं। बीजेपी नेता और राज्य सभा सांसद संजय ककाडे और विधायक लक्ष्मण जगताप को जिम्मेदारी दी गई कि वे दूसरी पार्टियों के कद्दावर नेताओं को बीजेपी में लाने की कोशिश करें और यह योजना काम कर गई।

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पार्टी ने चुनाव में कई ऐसे उम्मीदवारों पर भरोसा जताया और टिकट दिया जो दूसरी पार्टियों से आए थे।

कई लोगों को उम्मीद थी कि पीएमसी चुनाव में बराबरी का मुकाबला देखने को मिलेगा, हालांकि यह एक तरफा हो गया। एनसीपी निकाय चुनाव में केवल 38 जबकि पीसीएमसी में 36 सीटें जीतने में कामयाब रही। 2012 में एनसीपी ने पीएमसी में 51 सीटें जीती थी जबकि पीसीएमसी में 83 सीटों पर कब्जा जमाने में कामयाब रही थी।

शिवसेना पीएमसी में 10 सीटों के साथ तीसरे स्थान पर रही। वहीं, कांग्रेस के खाते में केवल नौ सीट आए। कांग्रेस ने 2012 में 28 सीटें जीती थीं।