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इंग्लैंड के खिलाफ पुणे वनडे में विराट कोहली ने तोड़ा सचिन तेंदुलकर का रिकॉर्ड

पुणे वनडे में भारत की इंग्लैंड पर जीत के साथ ही कई शानदार रिकॉर्ड्स की भी झड़ी लग गई। कप्तान विराट कोहली के बल्ले से निकले शतक ने सचिन तेंदुलकर का भी एक रिकॉर्ड तोड़ दिया।

Updated on: 16 Jan 2017, 10:17 AM

नई दिल्ली:

पुणे वनडे में भारत की इंग्लैंड पर धमाकेदार जीत के साथ ही इस मैच में कई शानदार रिकॉर्ड्स की भी झड़ी लग गई। साथ ही इस मैच में कप्तान विराट कोहली के बल्ले से निकले शतक ने सचिन तेंदुलकर का एक रिकॉर्ड तोड़ दिया। आईए हम आपको बताते हैं, इस मैच में बने कुछ खास क्रिकेट रिकॉर्ड्स के बारे में-

1. तीन बार 350 से ज्यादा का टार्गेट हासिल किया: वनडे इतिहास में यह छठा मौका था जब 350 या उससे ज्यादा के लक्ष्य को किसी टीम ने हासिल किया है। दिलचस्प यह है कि टीम इंडिया ने यह कमाल सबसे ज्यादा तीन बार किया है। इससे पहले टीम इंडिया जयपुर में 360 और नागपुर में 351 रनों का सफलतापूर्वक पीछा किया था। यह दोनों मैच ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2013-14 में थे।

2. कोहली ने तोड़ा सचिन का रिकॉर्ड: लक्ष्य का सफलतापूर्वक पीछा करते हुए सबसे ज्यादा कोहली के नाम 15 शतक दर्ज हो गए हैं। इससे पहले सचिन तेंदुलकर के नाम 14 शतक थे। हालांकि, चेज करते हुए दोनों के नाम 17-17 शतक हैं लेकिन कोहली ने यह शतक 96 पारियों में लगाए जबकि तेंदुलकर ने इसके लिए 232 पारियां खेलीं।

3. कोहली के बल्ले से शतक: टीम इंडिया ने तीन बार पर 350 से ज्यादा का टार्गेट हासिल किया है और इन तीनों ही मैचों में विराट कोहली के बल्ले से शतक निकला है। साथ ही वनडे क्रिकेट में विराट ने 27वीं सेंचुरी लगाई। वह अब केवल सचिन तेंडुलकर (49), पोंटिंग (30) और जयसूर्या (28) से पीछे हैं।

4. कोहली के आने के बाद से ऐसे जीती टीम इंडिया: के अंतर्राष्ट्रीय करियर में डेब्यू के बाद टीम इंडिया ने आठ बार 300 से ज्यादा का टार्गेट हासिल किया है। इसमें छह बार कोहली ने शतक बनाए हैं। कोहली के आने से पहले टीम इंडिया 35 बार में सिर्फ सात बार 300 से ज्यादा का लक्ष्य हासिल कर पाई।

5. केदार जाधव का जलवा: जाधव ने इंग्लैंड के खिलाफ पुणे वनडे में 65 गेंदों में शतक लगाए। यह भारत की ओर से छठा सबसे तेज शतक है। भारत की ओर से सबसे तेज शतक का रिकॉर्ड विराट कोहली (52 गेंद) के नाम है। जाधव अपने इंटरनेशनल वनडे करियर की 9 पारियों में दो बार 50 रनों से आगे गए हैं और दोनों ही बार वह अपनी हाफ सेंचुरी को सेंचुरी में बदलने में कामयाब रहे हैं।

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