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जानें कैसे बना है दुनिया का सबसे छोटा डाटा रिकार्डर

अमेरिकी रिसर्ज एजेंसी ने बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए दुनिया का सबसे छोटा डाटा रिकार्डर बनाया है। पर इसमें हैरान कर देने वाली बात है इस डाटा रिकार्डर को बनाने की प्रक्रिया, क्यूंकि यह बना है बैक्टीरिया से।

Updated on: 29 Nov 2017, 12:21 PM

न्यूयॉर्क:

अमेरिकी रिसर्ज एजेंसी ने बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए दुनिया का सबसे छोटा डाटा रिकार्डर बनाया है। पर इसमें हैरान कर देने वाली बात है इस डाटा रिकार्डर को बनाने की प्रक्रिया, क्यूंकि यह बना है बैक्टीरिया से।

इस रिसर्च के अनुसार हमारे भविष्य का एक बड़ा हिस्सा इन पर ही निर्भर होने वाला है। अमेरिका स्थित कोलंबिया यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर (सीयूएमसी) के शोधकर्ताओं ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है।

शोधकर्ताओं ने प्राकृतिक बैक्टीरिया को जेनेटिकली मॉडिफाई करके दुनिया के सबसे छोटे डाटा रिकॉर्डर में परिवर्तित करने में सफलता हासिल कर ली है।

शोधकर्ताओं ने इन्हें इस तरह से बनाया गया, जिससे ये अंदर की गतिविधियों को रिकॉर्ड करें। यह न केवल आंतरिक गतिविधियों बल्कि मौसम के साथ होने वाले परिवर्तन को भी बता सकने में सक्षम हैं।

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सीयूएमसी के हैरिस वैंग के मुताबिक, मरीज द्वारा निगले जाने वाले इस तरह के जीवाणु पाचन तंत्र के माध्यम से शरीर के आंतरिक परिवर्तन को रिकॉर्ड करने में सक्षम हो सकते हैं। इसके जरिए बीमारी का पता लगाकर इलाज के लिए नए आयाम ढूंढे जा सकेंगे।

शोधकर्ताओं के मुताबिक, इस तकनीक का प्रयोग एन्वायरमेंटल सेंसटिविटी, इकोलॉजी और जर्मिनोलॉजी के बुनियादी अध्ययन में भी किया जा सकेगा। इसके द्वारा हम की उन चीजों को भी मॉनीटर कर सकते हैं, जिन्हें आंखों के जरिए नहीं देखा जा सकता।

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