logo-image
ओडिशा नाव हादसे में मरने वालों की संख्या हुई सात, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी Punjab: संगरूर जेल में धारदार हथियार से हमला, दो कैदियों की मौत और 2 घायल Punjab: कांग्रेस को झटका, तेजिंदर सिंह बिट्टू ने छोड़ी पार्टी, बीजेपी में होंगे शामिल Karnataka: बेंगलुरु में विरोध प्रदर्शन पहले पुलिस ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव की मौजूदगी में कई कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता बीजेपी में शामिल कर्नाटक: पुलिस ने कांग्रेस नेता रिजवान अरशद और रणदीप सिंह सुरजेवाला को हिरासत में लिया पंजाब में कांग्रेस को एक और बड़ा झटका पूर्व सांसद संतोख सिंह चौधरी की पत्नी करमजीत कौर आज दिल्ली में बीजेपी में शामिल हो गईं.

नासा के जूनो ने बृहस्पति के शानदार घुमाव वाले बादलों की भेजी तस्वीरें, लगाया ग्रह का पांचवां चक्कर

नासा के जूनो मिशन ने सोमवार को पांचवीं बार बृहस्पति ग्रह का करीब से चक्कर लगाया। अपने इस चक्कर के दौरान जूनो ने बृहस्पति ग्रह के बादलों की शानदार तस्वीरें भेजी हैं।

Updated on: 29 Mar 2017, 12:00 AM

नई दिल्ली:

नासा के जूनो मिशन ने सोमवार को पांचवीं बार बृहस्पति ग्रह का करीब से चक्कर लगाया। अपने इस चक्कर के दौरान जूनो ने बृहस्पति ग्रह के बादलों की शानदार तस्वीरें भेजी हैं।

नासा के अनुसार जूनों ने जब उड़ान भरी तो उसके सभी यंत्र और जूनोकैम अच्छी तरह से काम कर रहे थे। उड़ान के दौरान जूनो ने डेटा भी कलेक्ट किया जिसे उसने धरती पर भेज दिया।

नासा के वैज्ञानिकों के अनुसार सुबह 4:52 (जीएमटी-0852)पर जूनो स्पेसक्राफ्ट बृहस्पति ग्रह के काफी करीब था और ग्रह के बादलों के ऊपर करीब 2,700 मील पर था। जूनो 2,08,000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चक्कर लगा रहा था।

जूनों ने वहां के वातावरण, गुरुत्वाकर्षण, वायुमंडल और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक क्षेत्र के बारे में डेटा इकट्ठा किया। इसके साथ ही जूनो कैम ने ग्रह की तस्वीरें भी लीं।

और पढ़ें: इस साल के अंत में पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के बीच हो सकती है मुलाकात

जूनो के स्पेशल इन्वेस्टिगेटर स्कॉट बोल्टन ने कहा, 'ये हमारी चौथी वैज्ञानिक पास है और ग्रह का पांचवां करीबी चक्कर है...और हम इस बात को लेकर उत्साहित हैं कि जूनो क्य़ा नई जानकारियां और खोज भेजेगा।'

और पढ़ें: मोदी सरकार का फैसला, कश्मीर में उपद्रव पर पहले पावा शैल बाद में पैलेट गन होगा इस्तेमाल

उन्होंने कहा, 'हर बार हम जब बादलों के ऊपर से बृहस्पति के पास जाते हैं तो हमें कुछ नई जानकारियां मिलती हैं, जिससे हमें इस ग्रह के बारे में नई जानकारी मिलती है।'

4 जुलाई 2016 में नासा के जूनो स्पेसक्राफ्ट को 5 साल की यात्रा के बाद बृहस्पति की कक्षा में स्थापित किया गया था।

कक्षा में स्थापित होने के बाद से नासा के जूनो ने कई अहम जानकारियां दी हैं। जिससे हमें इस ग्रह के बारे में और इसके बादलों की बनावट के बारे में जानकारियां उपलब्ध कराई हैं। साथ ही इसके चुम्बकीय क्षेत्र के बारे में भी जानकारियां मिली हैं।

नासा के जूनो हर 53 दिन में बृहस्पति ग्रह के करीब आता है। क्योंकि यह स्पेसक्राफ्ट ग्रह के चारों तरफ काफी बड़े अंडाकार कक्षा में घूमता है।

ये भी पढ़ें: कश्मीर: बडगाम मुठभेड़ के दौरान पत्थरबाजी, 3 की मौत, 63 जवान घायल

फरवरी महीने में जूनो में कुछ खामियां आ गई थीं। इसके दोनों हीलियम वाल्व में आई इस खराबी के कारण जूनो को ग्रह के करीब लाने की योजना को रोकना पड़ गया था।

नासा के जूनो द्वारा भेजे गए डेटा का विश्लेषण कर रहा है। जल्द ही इस संबंध में अध्ययन करके इसकी जानकारी को प्रकाशित करेगा।

जूनो का मिशन फरवरी 2018 में समाप्त हो जाएगा।

और पढ़ें: महबूबा मुफ्ती ने कहा, अलगाववादियों से भी हो बात