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बेंगलुरू की साहिथी पिंगाली के नाम पर अब होगा प्लैनेट

आसमान को छूने की चाहत तो सभी रखते है पर बहुत कम ही होते है जो इसे पूरी कर पाते है। बेंगलुरू की साहिथी पिंगाली उनमे से एक है।

Updated on: 08 Jun 2017, 07:19 PM

नई दिल्ली:

आसमान को छूने की चाहत तो सभी रखते है पर बहुत कम ही होते है जो इसे पूरी कर पाते है। बेंगलुरू की साहिथी पिंगाली उनमे से एक है। ब्राह्मांड के एक छोटे से ग्रह का नाम कक्षा 12 में पढ़ने वाली साहिथी के नाम पर रखा जाएगा। साहिथी ने लॉंस एंजेलिस में इंटेल इंटरनेशनल साइंस एंड इंजीनियरिंग फेयर को जीत कर ये उपलब्धि पाई है।

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इसी महीने की शुरूआत में आईस्वीप (द इंटरनेशनल संस्टेनेबल वर्ल्ड इंजीनियरिंग एनर्जी एंनवॉरमेंट प्रोजेक्ट) टेक्सास के हाउसटन में ओलंपियाड चल रहा है। साहिथी ने इन ओलंपियाड में गोल्ड मेडल जीता है। साहिथी ने लेक सिटी पर आधारित 'An Innovative Crowdsourcing Approach to Monitoring Freshwater Bodies' पर रिसर्च किया है। इसके अलावा साहिथी ने अपने स्कूल की टीम की वर्थुर लेक पर रिसर्च किया है।

हालांकि यह पंहुचना साहिथी के लिए आसान नहीं था। इसके लिए साहिथी ने बेंगलुरू की कई लेक पर प्रदूषण का रिसर्च किया। यही रिसर्च पेपर साहिथी ने विश्व के सबसे बड़े प्री-कॉलेज साइंस एक्जिबिशन में शामिल किया था।

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साहिथी का कॉम्पीटिशन 2000 से ज्यादा उम्मीदावरों के साथ हुआ था। साहिथी बेंगलुरू के इनवेंचर एकैडमी की छात्रा है।