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ISRO को पीएम मोदी की बधाई, एक साथ लॉन्च किए 31 सैटलाइट्स

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण वाहन (PSLV) के साथ 712 किलोग्राम वजनी काटरेसैट-2 सीरीज और 30 अन्य उपग्रहों (सेटेलाइट) का प्रक्षेपण करेगा।

Updated on: 23 Jun 2017, 11:09 AM

highlights

  • इसरो का पीएसएलवी सी-38 रॉकेट की सफल लॉन्चिंग 
  • पीएसएलवी ने 29 विदेशी और एक भारतीय उपग्रह को प्रक्षेपित किया

नई दिल्ली:

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) आज (शुक्रवार को) आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण वाहन (PSLV) के साथ 712 किलोग्राम वजनी काटरेसैट-2 सीरीज और 30 अन्य उपग्रहों (सेटेलाइट) का सफल प्रक्षेपण किया।

कुल 18 दिनों के अंदर इसरो ने इस मिशन को अंजाम दिया। पीएसएलवी सी-38 अपने साथ 29 विदेशी और एक भारतीय उपग्रह को अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया है। इसरो के पीएसएलवी रॉकेट के एक्सएल वैरियेंट की लॉन्चिंग प्रक्रिया शुक्रवार सुबह 9.29 बजे शुरु हुई।

यह अंतरिक्ष यान, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, ब्रिटेन, चिली, चेक गणराज्य, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, लातविया, लिथुआनिया, स्लोवाकिया और अमेरिका समेत 14 देशों से 29 नैनो उपग्रह को लेकर अंतरिक्ष गया। 

Live Updates :

इसरो की सफलता पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई दी है 

इसरो सभी 29 सैटेलाइट्स का सफल प्रक्षेपण किया गया 

# इसरो कारटेसैट 2-ई को यान से अलग किया गया

इसरो PSLV-C38 रॉकेट का चौथा चरण सफल 

इसरो PSLV-C38 रॉकेट का चौथे चरण का इंजन बंद 

इसरो PSLV-C38 रॉकेट का चौथा चरण सामान्य

इसरो PSLV-C38 रॉकेट का तृतीय चरण सफल

इसरो PSLV-C38 रॉकेट कोस्टिंग फेज सामान्य

इसरो PSLV-C38 रॉकेट का तृतीय चरण सामान्य  

इसरो PSLV-C38 रॉकेट का द्वितीय चरण सफल  

इसरो PSLV-C38 रॉकेट का प्रथम चरण सफल  

इसरो PSLV-C38 रॉकेट लॉन्च का प्रक्षेपण हुआ   

इसरो PSLV-C38 रॉकेट लॉन्च में 2 मिनट 10 सेकेंड बाकी  

# ऑपरेशन डायरेक्टर जयकुमार ने मिशन की तैयारियों के लिए ज़रुरी जांच प्रक्रिया पूरी की।  

कारटोसैट 2 की लॉन्चिग की प्रक्रिया शुरू हुई। 

# आंध्रप्रदेश श्रीहरिकोटा में इसरो PSLV-C38 रॉकेट लॉन्च बस कुछ ही देर में 

क्या है इसकी खासियतें?

ISRO का कारटोसैट लॉन्चिंग, 14 देशों का सैटेलाइट भेजेगा अंतरिक्ष

1. इन 30 उपग्रहों का कुल भार 243 किलोग्राम और काटरेसैट को मिलाकर सभी 31 उपग्रहों का कुल भार 955 किलोग्राम है।

2. यह रॉकेट उपग्रहों को 505 किलोमीटर दूर ध्रुवीय सूर्य समकालिक कक्षा (एसएसओ) में स्थापित करेगा।

3. 15 किलोग्राम वजनी भारतीय नैनो सैटेलाइट एनआईयूएसएटी तमिलनाडु की नोरल इस्लाम यूनिवर्सिटी का है।

4. भारत का नैनो उपग्रह कृषि फसल की निगरानी और आपदा प्रबंधन सहायता अनुप्रयोगों के लिए मल्टी-स्पेक्ट्रल तस्वीरें प्रदान करेगा।

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