logo-image

भारत का पहला छोटा रॉकेट अगले साल उड़ेगा : इसरो अध्यक्ष

भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी अपने पहले छोटे रॉकेट को अगले साल उड़ाने की योजना बना रहा है, जिसकी भार ले जाने की क्षमता 500-700 किलोग्राम होगी।

Updated on: 15 Sep 2018, 06:13 PM

नई दिल्ली:

भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी अपने पहले छोटे रॉकेट को अगले साल उड़ाने की योजना बना रहा है, जिसकी भार ले जाने की क्षमता 500-700 किलोग्राम होगी। इसरो के अध्यक्ष के. शिवन ने आईएएनएस को बताया, 'ऐसे छोटे रॉकेट जो करीब 500 किलोग्राम भार के उपग्रहों को ढो सकें, उनका विकास जारी है। पहले छोटे रॉकेट की उड़ान अगले साल हो सकती है।'

उन्होंने कहा कि छोटे रॉकेट को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित वर्तमान रॉकेटपोर्ट से लांच किया जाएगा। एंट्रिक्स कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक एस. राकेश ने हाल ही में बेंगलुरू में आईएएनएस के साथ बातचीत में कहा था कि कम लागत के छोटे रॉकेटों के लिए एक समर्पित लांच पैड की जरूरत है, जिसका सरल वर्टिकल लांच मैकेनिज्म होना चाहिए।

राकेश ने कहा, 'शुरुआत में एसएसएलवी को हमारे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित लांच पैड से लांच किया जाएगा। हम बाद में एक अगल से स्पेसपोर्ट बनाने पर काम करेंगे।' शिवन से अलग स्पेसपोर्ट को लेकर राकेश के विचार के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि शुरुआत में तो छोटे रॉकेटों को श्रीहरिकोटा से ही उड़ाया जाएगा। एंट्रिक्स की भविष्य में अपनी योजनाएं हो सकती है।

संयोग से, एंट्रिक्स ने भारतीय नागरिकों से 'स्पेस सिस्टम के विनिर्माण और विपणन प्रमुख' के पद के लिए आवेदन आमंत्रित किया है। इस नौकरी के विवरण में लिखा गया है कि एंट्रिक्स नया स्पेसपोर्ट बनाने पर विचार कर रही है, जिसके कार्यान्वन की जिम्मेदारी इस पद को संभालने वाले की होगी और उसे इसरो के साथ और तकनीक का हस्तांतरण और प्रणाली के उत्पादन करने वाली कंपनियों के साथ मिलकर काम करना होगा।