logo-image

कम्युनिकेशन सैटलाइट GSAT-6A से संपर्क करने के प्रयास जारी- इसरो

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) की तरफ से गुरुवार को श्रीहरिकोटा से भारत के सबसे बड़े कम्युनिकेशन सैटलाइट जीएसएटी-6ए की लॉन्चिंग के 48 घंटे बाद ही तकनीकी गड़बड़ी की वजह से संपर्क टूट गया।

Updated on: 02 Apr 2018, 11:18 PM

नई दिल्ली:

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) की तरफ से गुरुवार को श्रीहरिकोटा से भारत के सबसे बड़े कम्युनिकेशन सैटलाइट जीएसएटी-6ए की लॉन्चिंग के 48 घंटे बाद ही तकनीकी गड़बड़ी की वजह से संपर्क टूट गया।

भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने सोमवार को कहा कि स्पेस वैज्ञानिकों ने सैटलाइट जीएसएटी-6ए से संपर्क बनाने का प्रयास कर रहे हैं।

जीएसएटी-6ए सैटलाइट को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से एक मिशन पर 29 मार्च को लॉन्च किया गया था लेकिन तकनीकी गड़बड़ी की वजह से दो दिन बाद ही ग्राउंड स्टेशन से उसका संपर्क टूट गया।

कर्नाटक के हसन में इसरो की मास्टर कंट्रोल फेसिलिटी (एमसीएफ) ने अपने अंतरिक्ष गृह में जीएसएटी-6ए को स्थापित करने के लिए तीसरे और आखिरी चरण में इंजन इग्निट करने की कोशिश की लेकिन तभी इसका संपर्क टूट गया।

इसे भी पढ़ें: अब जेटली से केजरीवाल ने मांगी माफी, जानिए क्या है मामला...

इसरो के सूत्रों ने कहा, 'उपग्रह के साथ संचार स्थापित करने के प्रयास जारी हैं।'

इसरो के अध्यक्ष के सिवन ने कहा है कि प्रारंभिक आंकड़ों से पता चलता हैं कि संपर्क बनाने की संभावना है।

उन्होंने कहा, 'मिशन कंट्रोल निरंतर काम पर है।'

इसरो के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'तीसरे चरण में 2,140 किलोग्राम जीएसएटी-6ए ने इसरो के शक्तिशाली जियोसिंक्रोनस रॉकेट (जीएसएलवी-एफ 02) को स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन के साथ लगाया और इसे सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित किया और यह एक शानदार लॉन्चिंग थी।'

आपको बता दें कि इस सैटेलाइट को 10 साल के लिए अंतरिक्ष भेजा गया था। 8 साल में दूसरी बार किसी कम्युनिकेशन सैटेलाइट की लॉन्चिंग असफल रही है। इससे पहले दिसंबर 2010 में जीएसएटी-5पी की लॉन्चिंग फेल रही थी।

पिछले साल अगस्त में, भारत का बैकअप नेविगेशन सैटेलाइट आईआरएनएसएस-1 एच को पीएसएलवी-सी 39 में स्थापित करने के लिए उसकी शानदार लॉन्चिंग की लेकिन अंत में तकनीकी खराबी के कारण फेल हो गया।

इसे भी पढ़ें: इराक में मारे गए 38 भारतीयों का अवशेष भारत पहुंचे