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सौर मंडल से बाहर मिले सात नए ग्रह, नासा ने की पुष्टि, वैज्ञानिकों ने जताई पानी और जीवन की संभावना

सौर मंडल से बाहर यह खोज बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि इन सभी ग्रहों का आकार लगभग पृथ्वी की ही तरह है। वैज्ञानिक उम्मीद जता रहे हैं कि यहां पानी भी हो सकता है।

Updated on: 23 Feb 2017, 10:30 AM

highlights

  • धरती से केवल 40 प्रकाश वर्ष दूर मिले वैज्ञानिकों को सात नए ग्रह
  • एक ही तारे के चक्कर लगा रहे हैं यह सातों ग्रह, वैज्ञानिकों ने जताई पानी और जीवन की संभावना

नई दिल्ली:

खगोलशास्त्रियों ने धरती से करीब 40 प्रकाश वर्ष दूर कम से कम सात नए ग्रहों का पता लगाया है। बुधवार को एक एक विज्ञान पत्रिका 'नेचर' में छपे शोध के मुताबिक यह सभी ग्रह एक ही तारे की परिक्रमा कर रहे हैं। इस बात की पुष्टि अमेरिकी की स्पेस एजेंसी नासा ने भी वॉशिंगटन में अपने मुख्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में की।

सौर मंडल से बाहर यह खोज बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि इन सभी ग्रहों का आकार लगभग पृथ्वी की ही तरह है और यहां नमी है। अब वैज्ञानिक उम्मीद जता रहे हैं कि यहां पानी भी हो सकता है और जीवन की संभावना भी मौजूद होंगी।

बेल्जियम की यूनिवर्सिटी ऑफ लिएज के खगोलशास्त्री और इस स्टडी के लेखक माइकल गिलन ने कहा, 'यह पहला मौका है जब एक ही तारे के ईर्द-गिर्द इस तरह के इतने ग्रह मिले।'

इन सभी सात एक्सोप्लैनिट्स की संरचना बेहद सख्त है और ये TRAPPIST-1 नामक एक मृत तारे के आसपास मिले। उनके द्रव्यमान के हिसाब से अनुमान लगाया जा रहा है कि उन ग्रहों की सतह पत्थर वाली हो सकती है न कि बृहस्पति की तरह गैस वाले ग्रह जैसी। इनमें तीन ग्रहों की सतह पर समुद्र भी हो सकते हैं। वैज्ञानिकों ने इन तीन ग्रहों का नाम TRAPPIST-1e, f और g दिया है।

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वैज्ञानिकों का मानना है कि इनमें से TRAPPIST-1f जीवन के लिए सबसे बेहतर साबित हो सकता है। यह धरती से थोड़ा और ज्यादा ठंडा है लेकिन फिर भी यहां जरूरत के मुताबिक ग्रीनहाउस गैसों और जीवन के लिए अनुकूल वातावरण की मौजूदगी की संभावना बरकरार है।

कैसे हुई इन ग्रहों की खोज

शोधकर्ताओं ने एक टेलिस्कोप TRAPPIST के माध्यम से इस तारे से आने वाले प्रकाश और उसकी चमक में लगातार बदलाव पर गौर किया। शोधकर्ताओं ने पाया कि कुछ चीजें लगा तारे से आने प्रकाश में बाधा पैदा कर रही है और यह एक पैटर्न के हिसाब से हो रहा है। इसे ट्रांजिटिंग कहा जाता है। छाया से ग्रहों की मौजूदगी की पुष्टि हुई।

अब भविष्य क्या

अगले कुछ दशकों में अनुसंधानकर्ता इन ग्रहों में मौजूद वातावरण का पता लगाने की कोशिश करेंगे। वैज्ञानिक यह जानने की कोशिश करेंगे कि सच में उनकी सतह पर पानी और जीवन की संभावना है भी या नहीं।

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हालांकि, 40 प्रकाश वर्ष सुनने में तो बहुत ज्यादा नहीं लगता है, लेकिन इन उन तक पहुंचने में अब भी हमें लाखों वर्ष लग सकते हैं। फिर भी वैज्ञानिक मान रहे हैं कि अनुसंधान के नजरिए से यह बेहतरीन अवसर है और सौर मंडल से बाहर जीवन की खोज के रास्ते में यह बड़ी सफलता साबित हो सकती है।

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